Book Title: Prakrit Vidya 02
Author(s): Rajaram Jain, Sudip Jain
Publisher: Kundkund Bharti Trust

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Page 200
________________ जिससे जो बात इस अनुच्छेद के एक नियम में नहीं कही गई है और इससे किसी मौजूदा-कानून का क्रियान्वयन प्रभावित न होता हो, या सामाजिक-कल्याण व सुधार के लिए कोई कानून बनाने से राज्य को रोकता न हो, या जो सार्वजनिक प्रकृति की हिंदू धार्मिक-संस्थाओं को हिंदू-समुदाय के सभी वर्गों के लिए खोलता हो। ___आयोग ने इसी क्रम में आगे यह भी सुझाव दिया है कि अनुच्छेद-25 के नियम (2) के उपनियम (बी) को इसप्रकार पढ़ा जाए कि सामाजिक कल्याण व सुधार के लिए या हिंदू, सिख, जैन व बौद्धों की सार्वजनिक महत्त्ववाली सभी धार्मिक-संस्थाओं का दरवाजा इन धर्मों के सभी वर्गों व समुदायों के लिए खोल दिया जाये। --('दैनिक जागरण', नई दिल्ली, बृहस्पतिवार, 4 अप्रैल 2002) ** श्री चौगुले को पी-एच.डी. की शोध-उपाधि कराड (जिला-सतारा, महा.) के युग-विद्वान् श्री पुरन्दर चौगुले जी को कोल्हापुर विश्वविद्यालय से 'सल्लेखना: एक दार्शनिक अध्ययन' विषय पर पी-एच.डी. की शोध-उपाधि के लिए सर्वानुमति से स्वीकृत किया गया है। आपने उक्त विषय पर अपना शोध प्रबन्ध 'अन्नासाहेब डांगे महाविद्यालय' के प्राचार्य डॉ. ए.बी. दिगे के मार्गनिर्देशन में गरिमापूर्वक सम्पन्न किया है। आप अपने इस शोधकार्य के निमित्त कुन्दकुन्द भारती शोध संस्थान, नई दिल्ली में भी आकर रहे और यहाँ के विद्वानों से महत्त्वपूर्ण मार्गदर्शन प्राप्त किया। पूज्य आचार्यश्री विद्यानन्द जी मुनिराज के पावन-आशीर्वाद से आप इतने जटिल विषय पर सफलतापूर्वक कार्य सम्पन्न कर सके हैं। ____ इस गरिमापूर्ण उपलब्धि के लिए प्राकृतविद्या-परिवार डॉ. पुरन्दर बाहु चौगुले को हार्दिक बधाई एवं उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनायें प्रेषित करता है। –सम्पादक ** श्रुत-संवर्द्धन पुरस्कार समर्पण-समारोह 26 मई को केकड़ी में श्रुत संवर्द्धन संस्थान, मेरठ द्वारा 26 नवम्बर 01 को निम्नवत 5 श्रुत संवर्द्धन-2001 पुरस्कार एवं एक सराक पुरस्कार-2001 की घोषणा की गई थी। 1. आचार्य श्री शांतिसागर छाणी स्मृति संवर्द्धन पुरस्कार-2001 : पं. मल्लिनाथ जैन शास्त्री चेन्नई। 2. आचार्य श्री सूर्यसागर स्मृति श्रुत संवर्द्धन पुरस्कार-2001 : डॉ. श्रेयांसकुमार जैन, बड़ौत। 3. आचार्य श्री विमलसागर (भिण्ड) स्मृति श्रुत संवर्द्धन पुरस्कार-2001 : श्री जयसेन • जैन, इन्दौर। 4. आचार्य श्री सुमतिसागर स्मृति श्रुत संवर्द्धन पुरस्कार-2001 : डॉ. भागचन्द्र जैन 00 198 प्राकृतविद्या-जनवरी-जून '2002 वैशालिक-महावीर-विशेषांक Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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