Book Title: Prakrit Vidya 02
Author(s): Rajaram Jain, Sudip Jain
Publisher: Kundkund Bharti Trust

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Page 195
________________ मुनिसंघ को दक्षिणापथ के सीमान्त-प्रदेशों में जैनधर्म के प्रचारार्थ भेजा था। ___अपने शोधपूर्ण-भाषण में डॉ. जैन ने जैन-संस्कृति के विकास में महाराष्ट्र के अपूर्व योगदान की चर्चा करते हुए वहाँ के आदिकालीन, मध्यकालीन एवं आधुनिक साहित्य की शानदार-परम्पराओं पर प्रकाश डालते हुए वहाँ की ऐतिहासिक तीर्थभूमियों की चर्चा की तथा महाराष्ट्र के बहुमुखी-विकास के क्रम में वहाँ के स्वनामधन्य बालचन्द्र हीराचन्द्र दोशी, आचार्य समन्तभद्र जी महाराज, कर्मवीर भाऊराव पाटिल, दानवीर माणिकचन्द्र जे.पी., रावजी सखाराम दोशी, ब्रह्म. जीवराज गौतमचन्द्र दोशी, महिलारत्न मगनबाई, पद्मश्री पैं. सुमतिबाई जी, पं. नाथूराम प्रेमी, प्रो. डॉ. ए.एन. उपाध्ये, सौ. सरयू ताई दफ्तरी, सौ. सरयू विनोद दोशी आदि के प्रगतिशील रचनात्मक-योगदानों की चर्चा की। इस अधिवेशन का उद्घाटन अमरावती विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुधीर पाटिल ने किया। परिषद् के महासचिव श्रेणिक अन्नदाते ने परिषद् के कार्य-कलापों पर विस्तृत प्रकाश डाला तथा मंच-संचालन सौ. पद्मा चन्द्रकान्त महाजन एवं सौ. मीना गरीबे ने किया। परिषद् के अध्यक्ष श्री सतीश संगई ने धन्यवाद ज्ञापन किया। -सौ. पद्मा चन्द्रकान्त महाजन, अमरावती ** मुमुक्षु समन्वय समिति का गठन मुमुक्षु-समाज के प्रमुख लोगों की एक मीटिंग देवलाली (महाराष्ट्र) में दिनांक 31 दिसम्बर, 2001 को आयोजित की गई, जिसमें मुमुक्षु-समाज की एकता तथा समस्त दिगम्बर जैनसमाज के साथ समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य से एक समिति का गठन किया गया। इस समिति का मूल उद्देश्य मुमुक्षु-समाज में एकता कायम रखना तो है ही, साथ ही समस्त दिगम्बर-समाज से समन्वय स्थापित करना भी है कि जिससे जिनवाणी के प्रचार-प्रसार में आज जो बाधायें आ रही हैं; वे समाप्त होंगी। यह समिति मुमुक्षु-समाज का प्रतिनिधित्व करेगी और मुमुक्षु-समाज के हित में जो कुछ भी उचित होगा, संभव होगा, वह करेगी। 21 सदस्यीय इस समिति के 18 सदस्य निम्नानुसार हैं और 3 सदस्यों को सहवरण करने का अधिकार उक्त 18 व्यक्तियों को है। 1. डॉ. हुकमचंदजी भारिल्ल, जयपुर 10. श्री देवेन्द्रकुमार बडकुल, भोपाल 2. श्री बसंतलाल एम. दोशी, मुंबई 11. श्री ब्र.पं. यशपाल जी जैन, कर्नाटक 3. श्री हरखचंद जी बिलाला, आकोला 12. श्री विमलचंदजी झांझरी, उज्जैन 4. श्री पवनकुमार जी जैन, अलीगढ़ 13. श्री पं. उत्तमचंदजी जैन, सिवनी 5. श्री अमृतलाल सी. महेता, फतेहपुर 14. श्री अनंतभाई ए. शेठ, मुंबई 6. श्री मुकुंदभाई खारा, देवलाली 15. श्री पूनमंदजी सेठी, दिल्ली 7. श्री कांतीभाई मोटाणी, मुंबई 16. श्री परमात्म प्रकाशजी भारिल्ल, बोरीवली 8. श्री आदीशकुमार जैन, दिल्ली 17. श्री भीमजीभाई शेठ, थाणा, लन्दन 9. श्री जतीशभाई जैन, सनावद ___18. श्री अभिनन्दनप्रसादजी जैन, सहारनपुर 00 193 - प्राकृतविद्या-जनवरी-जन '2002 वैशालिक-महावीर-विशेषांक Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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