Book Title: Prakrit Vidya 02
Author(s): Rajaram Jain, Sudip Jain
Publisher: Kundkund Bharti Trust

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Page 191
________________ प्रकाशक पुनीत जैन, प्रकाश हितैषी, देवसेन जैन, अशोक शाह - मुम्बई, विनोद सेठी, अखिल बंसल - जयपुर, जीवेन्द्र जैन - गाजियाबाद, श्री भगत राम जैन, सतीश जैन, प्रताप जैन, अशोक जैन - तरुणमित्र परिषद, पद्मावती पुरवाल समाज की अनेक संस्थाओं सहित लगभग 60 व्यक्तियों ने पारसदास जी को माल्यार्पण एवं शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। श्री पारसदास जी ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “आचार्यश्री की दृष्टि बहुत व्यापक है। उन्हीं के आशीर्वाद से वे सेवा के कार्यों में आगे बढ़ सके हैं।" साहू अशोक जी को समाज का गांधी बताते हुए उन्होंने कहा कि वे समन्वयवादी थे। हमेशा संगठन की बात करते थे। पारसदास जी ने श्रम और मानवता के प्रति अपनी अटूट आस्था को निरन्तर बनाए रखने का संकल्प व्यक्त करते हुये पुरस्कार राशि रुपए एक लाख समाज सेवी कार्यों में ही खर्च करने की घोषणा की। समारोह प्रसिद्ध गायिका उमा गर्ग के मंगलाचरण से शुरू हुआ, जिसमें श्री ताराचंद प्रेमी एवं प्रभाकिरण जैन ने आचार्यश्री को काव्यमयी विनयांजलि अर्पित की। समारोह में श्री नरेन्द्र जैन द्वारा प्रकाशित डायरी का विमोचन जस्टिस विजेन्द्र जैन ने किया। मुनि लोकेश कुमार जी ने आचार्यश्री के लिए डॉ. महाप्रज्ञ जी का विनयांजलि संदेश पढ़ा। समारोह में राष्ट्रीय महिला आयोग की नवनिर्वाचित सदस्या डॉ. सुधा मलैया आदि भी उपस्थित थे। समारोह का संयोजन जैन मित्र मंडल ने किया। -रमेश जैन ** प्रो. (डॉ.) राजाराम जैन जी को प्राकृतभाषा-विषयक राष्ट्रपति-सम्मान भागमा R ule... आ भारतास राष्ट्रपतिः के० आर० नारायणन् प्रा० राजा राम जन पाक्ति/प्राकृतवाङ्मये पाणित्याय सावे व धुण्याय Hinubarundhan महामहिम राष्ट्रपति जी से प्रशस्ति-ग्रहण करते हुए प्रो. (डॉ.) राजाराम जैन को प्राप्त प्रशस्ति का चित्र प्रो. (डॉ.) राजाराम जैन प्रो. राजाराम जैन का जन्म 1 फरवरी 1929 को मालथौन, सागर, (म.प्र.) में हुआ। प्राकृतविद्या-जनवरी-जून '2002 वैशालिक-महावीर-विशेषांक .40 189 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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