Book Title: Prakrit Verses in Sanskrit Works on Poetics Part 01
Author(s): V M Kulkarni
Publisher: B L Institute of Indology

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Page 680
________________ 22 117.64 93.60 205.84 Vide Appendix -I Cf. SK p. 39 Hemacandra Prakrit Grammar 8.4.423 Ravana-vijaye Setu IV. 20 Cf. SK p. 495 वीहेसि हरिमुहि अवि होहि वैवाहिऊण वहुआ शिरसि जंडीलो अडीगणि (?सिरि जरखंडी लोअडी) सअलं चेअ णिबंधं सग्गं अपारिजा सच्चं गुरुओ गिरिणो सच्चं भणामि बालअ सहिआहि भम्म (?ण्ण) माणा . सहि साह सुतेण समं (? साहसु तेण समं) संगअ (v. L. संहअ) चक्काअजुअ साअरदसण एत्था (?साअरदसणहित्था) सा उप्पडी गोढउहि सामण्णसुंदरीणं सामाइ सामलीए सालिवणगोविआए सालोए च्चिअ सूरे सिहिपिछकण्णऊरा सोसे हरुणखण (?) सुअवहवइअरणिसुणि सुरहिमहुपाणलंपड सेलअसुआरुद्धद्धं सो मुद्धमओ मअतहिआहिं सोहइ विसुद्धकिरणो सोह व्व लक्खणमूह हरि-हर-बम्ह-प्पमुहे हसि सहत्थतालं हा तो जोज्जलदेउ हिअअ तिरच्छीयह हिअए रोसुबिभण्णं (? रोसुग्गिण्णं) (हियए रोसुग्गिणं) 201.83 154.73 184.79 78.57 124.66 221.88 90.59 213.86 135.69 99.61 126.67 131.68 118.67 203.84 80.57 115.64 97.60 89.59 149.72 160.74 157.74 209.85 148.72 103.61 137.69 132.68 GS II. 45 Cf. SK p. 582 Cf. SK p. 25 Setu II. 42 Hemacandra 8.4.420. GV 959 GS II. 80 Cf. SK p. 378 GS II. 30 GS II. 73 Vide Appendix-1 Vide Appendix-I Cf. SKp.46 Cf. SK p. 27 Cf. SK p. 365 Setu I. 22 Setu I. 48 GS III. 63 Vide Appendix -I Appendix-I Vajja. 616 Cr. SK p. 379

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