Book Title: Prakrit Verses in Sanskrit Works on Poetics Part 01
Author(s): V M Kulkarni
Publisher: B L Institute of Indology

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Page 718
________________ 60 GS (W)927 (HV?) GS V. 25 (HV ?) Cr. SK p 686 GS I. 27 (HV ?) GS (W) 893 GS III. 16 Cf. SK p. 607 पडिभिदह होंतवरं 1136.251 पडिवक्खख्स वि पुरओ 1249.271 पडिवखे दूमिज्जइ 1101.245 पढमपहा... पुहिज्जओ? 1558.324 पढमं वामणविहिणा 817.197 पढमं विद्दुमअंपो 1481.311 पण पड (ढ) मपिआए 1436.304 पणअ-कुइआण दोण्ह वि 984.226 पणअ०खलणविलक्खं 1065.239 पणअपरिपूरणेण 1252.272 पणमह माणस्स हला 1245.271 पत्तिअ जह उप्पण्णा 1109.246 पत्तिअ ण पत्तिअंती 996.228 पत्तिअ ण मेहचंदं 1338.287 पभव० ति० चिअए 1163.256 पम्मुट्टपाणिपाए 1291.279 परिअटुंतीव णिसं 1067.240 परिअडिआइ दोण्णि वि 1283.278 परिउंबणेण अहरो 1540.321 परिउचिआ (उच्छिा ) ण कंपसि? 1060.239 परिउर्णच (च्छि) आ ण जंपइ 982.226 परिदेवि पउत्तणिअअ 1381.294 पलधणुर पवआण (? = माआमोहम्मि 1647.337 गए) पलिअंति पहिअ तुह भव (?) 1346.288 पलिही पाडअपुग्णा? 968.224 पसिअसअणक्कवासे (?) 1462.309 पहि उल्लूरणसंका 858.204 पहुत्तए विहडिअ सह वलअ 1641.336 अपभ्रंशभाषायाम) पाअपडणाण मुद्धे 1116.247. 1247.271 पाअपडिओ ण गणिओ 1117.248 Cf. SK p. 616 Cf. SK p. 624; GS (W). 923 Setu XI. 73 . Setu XI. 135 GS II. 66 Appendix-I पाअपड GS V. 65 GS V. 32

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