Book Title: Prakrit Verses in Sanskrit Works on Poetics Part 01
Author(s): V M Kulkarni
Publisher: B L Institute of Indology

Previous | Next

Page 720
________________ 62 Cf. SK p. 338, p. 635.. GS II. 65 GS II. 37 GS II. 3 Vide Appendix-I पे० पुण्देसेसु परोहडे ? 881.209 पेम्मरस विरोहिअसंदिट्ठिअ ? 1023.233 पोढमहिका (ला) ण जं सुट्ठ 1543.321 फलहीवाहणपुण्णा 825.199 फुरिअं (?फुरिए) वामच्छि तुए 1354,290 बंधुरिअ दुद्धविहअंद (?) 1457.308 ब० धावि० छइ पंसुलि (?) 853.203 बहलम्मि वि तम-णिवहे 1448.306 बहिणिग्गअ महिपअणेण (?) । 954.221 बहुअंकलंक हरिअं 886.210 बहुपुष्फभरोणामि 849.202 बालअ दूरे गामो 1533.320 बाहजललोल्लिअ 1363.291 (अपभ्रशभाषायाम्) बाहोलपुरि (?) 1147.253 बाहौहपुरिअंगडा (?) 1590.329 भजंत० स वि तुह सग (? = भज्जंतस्स 856.203 वि तुह सग्ग) भण मण जं०पडिभाअइ (? जं जं 1193.261 पडिहाइ) भण सहिओ तम्मि? 1202.263 भम्मइ (हम्मइ) पिआए दइओ 1508.315 भरिमो से सअणवरम्मुहीए 1244.271 भिउडीए पुलोइस्सं 1208.264 भिउडी ण कआ कडुअं 1046.237 भिउडीए वाहारो 1203.263 भिण्णतमद्दिणाई 1483.311 भूमिणिमिअ (?ए) क्कचलणं 1491.313 भो गंगारोलपअच्छसु 925.216 GS VI. 18 GS II. 67 . GS (W).904.. GS IV. 68 'GS (W)743 GS (W) 921 Setu X. 44 मअणमिगणा करो मे Brhatkathāyām (Kalinga-senā. lambhe) Cf SK p. 669 (" Vāaggina karo me" etc.) 1512.316 मअरद्धअ सामणुमाह मंगलवल जीव मंतूण वि हरविजिअं? 1343.288 1357.290 1005.230 SK p. 627

Loading...

Page Navigation
1 ... 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745 746 747 748 749 750 751 752 753 754 755 756 757 758 759 760 761 762 763 764 765 766 767 768 769 770 771 772 773 774 775 776 777 778 779 780 781 782 783 784 785 786 787 788 789 790