Book Title: Prakrit Verses in Sanskrit Works on Poetics Part 01
Author(s): V M Kulkarni
Publisher: B L Institute of Indology

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Page 732
________________ 74. .. घरिणिघणत्थणपेल्लण घरिणीए महाणसकम्म GS III.61 . GS I. 13 GS I. 36 चत्तरधरिणी पिअदंसणा चंदणघूसरअं आहुलिअ चंदसरिसं मुहं से GS III. 13 चंदो कंदप्पमित्तं चिताणिअदइअसमागमम्मि चोरा सभअसतण्हं छणपिट्ठधूसरत्थणि GS I. 60 GS VI. 76. .. Cr. GS (W). 826 जअइ अ तमल्लिअंती जइआ पिओ ण दीसइ जइ ण छिवसि पुप्फुवई जइ देअरेण भणिआ जइ सो ण वल्लह (? वल्लहो) च्चिअ । जइ होसि ण तस्स पिआ जं जं करेसि जं जं जं जस्स होइ सारं . जत्थ ण उज्जागरओ जंतीमणुरुंधुं रुचु जं मुच्छिआ ण अ सुओ जह इच्छा तह रमि जह जह जरा-परिणओ जह जह णिसा समप्पइ जह जह से परिउंबइ जह हाउं ओइण्णे जाओ सो वि विलक्खो जाणइ जाणावेउं जाणइ सिणेह-भणि जो जस्स हिअअदइओ जो तीअ अहरराउ 180.376 121.364 345.410 372.415 65.352 105.361 191.378 53.350 177.375 382.417 67.353 290.399 30.346 353.411 201.380 56.351 245.389 315.404 :99.380 104.360 273.395 54.351 330.407 373.415 317.404 155.371 231.387 21.343 205.381 352.411 370.415 147.369 79.355 Cf. GS (W). 901 GS V. 81 Cf. Vajja. 622 GS IV.43 GS I. 65 , GS IV. 78 GS III. 12 GS (W) 829 Appendix-II GS (W)711 GS III. 93 Setu V. 10 Hem, Chando. p. 4. GS IV. 51 GS I. 88 Setu XI. 119 Cf. GS I. 100 GS II. 6

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