Book Title: Prakrit Verses in Sanskrit Works on Poetics Part 01
Author(s): V M Kulkarni
Publisher: B L Institute of Indology
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पणमथ पणअपकुपिते
32.454
Cf. Siddha-Hema, p. 594 (Brhatkathāyām) Cf. SP 1045; GS (W) 893
27.453
23.453
Cf. SK p. 624, GS VII. 47
64.461
DHV p. 299, p. 529
59.460
Cf. SK p. 689; GS VII. 53
15.451
16.451
GS II. 99 Cf. SKp. 352 GS III. 27
41.456
9.450 46.457
Cf. SK p. 373; GS IV. 23
107.470
पणमाणहमाणस्स हला? (= पणमह माणस्स हळा) परिपुच्चआ ण जप्पइ ( = पडिउच्छिआ ण जंपइ) पलमवाणिअ अल ता कत्ती (= वाणिअअ हत्थिदंता कत्तो) प...साग अण वसत्तरा (?) ( = पञ्चूसागअ. रंजिअदेह) पाअडिअ-णेह-सब्भाव . . . . पाणउडीअविजळियण (?) (= पाणउडीअ वि जलिऊण) पाणसमो त्ति भणतो (?) पिअदंसण सुहरस (%3D पिअदंसणेण सुहरस) पिसुणत्ति (? पिसुणंति) कामिणीणं पुच्छरतस्सविकहेर ? ( = जो वि ण पुच्छइ तस्स वि कहेइ) पुढमं वामणविहिणा 'बंहिआविहिअसविज्जिअ ? ( = सहिआहिं पिअविसज्जिअ) बीबाहरितणरअण (?) ( = बिबाहरि-तणु-रदण) भण तेण इरणवत्तु ? (= तेण इर णवलआए) भीष्मप्रोक्तानि... गोसे तिविछि-रिछोली... मलिणक्सणाण कअवे... मह एहि किं व पंथअ? (= महूएहि किं व पंथिअ)
Cf. SK p. 670; GS VI. 58 Cr. SP p. 1191; GS. V. 38
89.466
118.473 90.467
GS V. 25 cf. SK p, 667, SP p. 1193
29.454
Cf. Siddhahema VIII. iv. 401
104.470
Cf. SK, p. 636 Cf. SP, p. 1192 Cf. SK p. 148
38,455
17.452
7.450
Cf. SPp. 439; GS (W)94 Cf. SP p. 247 GS (W). 877
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