Book Title: Prakrit Verses in Sanskrit Works on Poetics Part 01
Author(s): V M Kulkarni
Publisher: B L Institute of Indology

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Page 737
________________ Vide Appendix-II Cf. GS V. 89 Vide Appendix- II Vide Appendix-II Setu I. 17 GS I. 14 GS I. 98 Cf. Vajja 389*.4 Vide Appendix-II मुद्धे गहण गेण्हउ (अपभ्रंशभाषायाम्) 33.347 मुहपेच्छओ पई से 283.397 मुहे मअखलि उल्लावे (अपभ्रंशभाषायाम्) 125.364 मोरू कलावेण वहइ ( ) 19.343 मोहविरमे सरोसं 84.356 रइ पिता ण सोहइ 296.400 रइअमुणालाहरणो 158,371 रइअरकेसरणिवहं 113.362 रइविग्गहम्मि कुंठीकआओं 220.384 रणदुज्जओ दहमुहो 165.373 रत्तुप्पलदलसोहा 122.364 रंधणकम्मणिउणिए 183.376 रमिऊण पअम्मि गए (प पि गओ) 255.391 रेहइ पिअपरिरंभण 200.380 लइ वप्पुल पि दुद्धं (अपभ्रंशभाषायाम्) 28.346 लोलाइओ णिअसणे 249.390 लुलिआ गहवइधूआ 289.399 लोओ जूरइ जूरउ 202.381 वइ-पिवर-णिग्गअ-दलो 102.360 346.410 वणराइकेसहत्था 112.362 वल्लहे लहु वोलंतइ (अपभ्रंशभाषायाम्) 130.365 ववसाअरइप्पओसो 108.361 ववसिअणिवेइअत्थो 150.370 वाअग्गिणा करो मे 306.402 वाणउ उज्जु माइग (अपभ्रंशभाषायाम्) 55.351 वाली भंभुरभोली ( , ) 124.364 वाहित्ता पडिवअणं 73.354 विअडे गअण-समुद्दे 157.371 विअलिअ-विओअ-वअणं 279.397 विक्किणइ माह-मासम्मि 170.374 विलिअ-रसाअलेण वि 164.372 विरला उवआरि चिचअ 149.369 GS VI. 29 GS III. 57 Vide Appendix-II Setu I. 14 Setu IV. 58 Vide Appendix-II Vide Appendix-II GS V. 16 Cf. Setu XI. 58 GS III. 38 Setu IX. 7

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