Book Title: Prakrit Verses in Sanskrit Works on Poetics Part 01
Author(s): V M Kulkarni
Publisher: B L Institute of Indology
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णिहुअरमणम्मि लोअण गोल्लेइ अणोल्लमणा तइआ मह गंडस्थल
तं ताण सिरिसहोअर
गुणग्गण
ताला जाअंति गुणा
तुह वल्लहस्स गोसम्मि
धवल सि जइ वि सुंदर
पंथिअ ण एत्थ सत्थरमत्थि
पविसंती घरदारं
फुल्लुक्करं कलमकरसमं वहति
भम धम्मिअ वीसत्थो
मह दे सुरसंध मे महिलासहस्सभरिए माए घरोवअरणं
लिहिअणिअसण राईसु चंदधवलासु लहिऊण तुझ बाहुप्फंसं
वाणिअअ हत्थिदंता वाणीरकुडगुड्डीण
वारिज्जतो वि पुणो
विवरीअर लच्छी
विहलंखलं तुमं सहि
सअलकरण परवीसाम
सह दिअह - णिसाहिं दोहरा सासदंडा
सहि णव - णिहुवण - समरम्मि
सहि विरइऊण माणस्स सावस तुझ हिअ साहती सहि सुहअं
सुबइ समागमिस्स
सो णत्थि एत्थ गामे सो मुद्ध/सुद्ध-सामलंगो
हंसा सहि
अवहरे
43.429
8.419
7.419
54.432
32.426
41.428
21.423
62.434
11.420
27.424
40.428
38.427
45.430
19.422
1.418
30.425
22.423
49.431
56.433
34.426
23.423
37.427
28.425
46.430
53.432
26.424
17.422
61.434
2 418
9.420
63.435
24.424
55.433
42.429
Cf. GS (W) 987
875
939
988
940
Visama - [GS (W) 989]
Cf. GS (W) 990
GS VII. 65
GS (W) 879
960
ا.
".
39
KM 1.19
GS II. 75
Devi. 76
GS II. 82
GS (W) 889
GS V. 55
Cf. GS (W) 992
993
951
First cited in DHV, p. 282
Cf. GS (W) 994
816
""
39
"
""
22
KM II. 9
Cf. GS (W) 996
936
29
25
22
"
"
880
995
"
23
947
860
962
998
953
Visama, GS (W) 999
997
83
Lay

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