Book Title: Prakrit Verses in Sanskrit Works on Poetics Part 01
Author(s): V M Kulkarni
Publisher: B L Institute of Indology
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GS (W) 863 GSII. 75
(HV ?)
(HV ?)
धण्णो सिरेहविदुअं?
1509.316 धम्मिअ भम वीसत्थो
859.204 (= भम धम्मिअ वीसत्थो) धरिओ अमरिसपसरो
993228 धारेहत्थकखत्ताइ (?)
1350.289 धोरंधरिअंपि गइ
1029.234 धोरं खलिअ णिअंता (?)
1146.253 धीरेण माणभंगे (?)
1042.236 धीरेण समं चामा (? जामा)
1312.283 धूइ (? दूइ) तुभं चिअ णिउण
929.217. -
(?णिउणा) घोआ (? थोआ) रूढमहुआ (? महुमआ) 1002.229
1239.270 धोओ (थो वो) सरंतरोसं
1593.329 निदणिकसुएइ ? (अपभ्रंशभाषायाम् ) 1320.285 निम्महिअकुसुमपरिमल.
1642.336 पअच्छामिओ पत्थानिज
926.217
Setu V.7 GS II .81
Cf. SK p. 670
(HV); Cf. SK p. 727 Vide Appendix I
(HV)
997.228 1427.303 975.225
(Brhatkathāyām Kalisigasenālambhe) GS (W). 868 GS (W). 872 Seru XI. 28 GS III. 57
पइणा वणिज्जते पइपु (र) ओ च्चिअ रहसेण पइमाहप्पलि (?णि) सण्णा पई (? वइ) विवरणिग्गअदलो पउम०पह०दिअंकं पंगु (? फग्गु) च्छणणिहोस पच्चक्खमंतुआरअ पच्चूसागअरंजितदेह
805.195 820.198 1525.319 995.228 1055.238 1428:303 1138.251 1298.281
GS (W). 938 GS VII. 53
Lilavai. 80
पच्चूसागअणवराअर०त पज्जतयि आसुवेल्ल
(?पज्जत्तवियासुब्वेल) प०ठंतिमअणपसरप्पसाअ पडमु०लिअवासोहो (?) पडिआअहद्धसिढिलिम
(HVP)
1003.230
870.206 1371.292
Setu XI. 54
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