Book Title: Prakrit Verses in Sanskrit Works on Poetics Part 01
Author(s): V M Kulkarni
Publisher: B L Institute of Indology

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Page 693
________________ GS VI. 42 GS I. 100 GS IV.5 Ratna II. 1 GS VII. 20 "गुहा ) GS II. 1 GS. V.56 Vide Appendix-I Cf. SK p. 727 GS. IV. 67 GS. III. 37 " दिण्णतणुअंजणाई 647.170 दोसइ ण चूअमुउळं (? मउलं) 613.164 दुख्खं (क्खं) देतो वि सुहं 294.103 दुख्खे (क्खे) हि लगभइ पिओ 307.106 दुल्लहजणाणुराओ 251.95 543.152 दूलिहइअसोयं धरेइ 355.116 दोअंगुलअकवाड 400.125 ध (?थ) रहरइ ऊरुजुअळं (लं) 617.165 धरिउं कह णतीकइ (? कहं णु तीरइ) 557.154 धरिओ धरिओ विअलइ 472.139 धावइ पुरओ पासेसु 423.130 धिगडी थावइ संमुही (?) 723.185 धीराण (? धीरेण) माण-भंगे (? भंगो) 773.191 धीरावलंबिरीए वि 313.107 पइपुरओ व्विअ (?च्चिअ) णिज्जइ 478.141 699.178 पइमाहप्पणिसण्णा 520.148 पउरजुआणो गामो 791.193 पच्चूसागअरंजितदेह 485,142 पच्छाअंतस्स वि से 524.149 पज्जत्तम्मि वि सुरए 729,186 पडिवक्खमंतु (मण्णु) पुंजे 364.118 पणअकुविआण दोण्ण (? दोह) वि 494.143 पण पड (? ढ)मपिआए 686,176 पणअक्खलणासंका 701.178 पत्तपओसो पडिवण्ण 618.165 परिओसअह्मि (? म्हि) सहित्तह्मि (? 741,186 सहि तम्मि) परिमळि (लि) असुंदराई 642.170 पल्लविरं पिव करपल्लवेहि 671.174 पसिअ पिए का कुविआ 250.95 पहविति च्चि...सुरिसा (? पहवंति च्चिअ 273,100 पुरिसा) Setu XI. 28 GS II.97 GS VII. 53 Setu XI. 9 GS III. 60 GS. I. 27. Cf. SK p. 686 Cf. SK p. 456, 467 Cr. SK p. 607

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