Book Title: Prakrit Verses in Sanskrit Works on Poetics Part 01
Author(s): V M Kulkarni
Publisher: B L Institute of Indology
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Cf. DRIV. 60-61, p, 234 SK p. 622, GS (W)967 Cf. SK p. 665 (Setubandhe ?)
KM. IV. 18
Setu XI. 56 GS III. 99 Cf. GS III. 99 GS V. 29
GV 406
Setu I. 15 GS VII.7
केलीगोत्तक्खलण
1038.235
1130.250 को एसो ति पलत्तं (?पलोटुं) 1492.313 कोडि परिठविआणण?
1305.282 को मं वद्धावेहइ ?
1626.334 को मुहल्लअजणं गमवेसा (? कोउहल्ल- 1500.314 वस-जंगम-वेसा) खणणिच्चलणीसास
1376.293 खिण्णस्स उरे पइणो .
1429.304 खिण्णस्स उवेइ (?ठवेइ) उरे . 1472.310 खिप्पइ हारीघ (?य) णमंडलाओ 1565.325 खुज्जति जडतेहि
861.204 खुज्जवएण कहआहत्था (?)
1469.310 गअणं च मत्तमेहं
882.209 गण्हाइ मणो हलिअसि
836.200 गमिआ कलंबवाआ
4.1298 गम्मिहिसि तस्स पासं .
884.209 गहकल्लो इ०ति तुमं?
891.211 गहणघपणमि गरू
1068.240 गाज (? गज्ज) महं चिअ उवरि 1308.283 गामवडस्स पिउच्छा
866.205 गामं शुणणिअलिअक०ण
851.203 गामाप...ससेसानु ?
810.196 गिम्हं गमेइ कहकह वि
1293.280 गिम्हे दवग्गिमसिमइलिआई
1337.287 गेहंति पिअअमा पिअ
1510.316 गोत्तक्खलणविलक्खो
1000.229 गोत्तक्खलिअम्मि पिए
1152.254 गोरंगउ तरुणीअणो
1485.312 गोलणईए तूहे चक्खंतो
833.200 घरकज्जेण वि जो चलवइ (?चल्लइ) 1348.289 घरकज्जेण वि जो चलइ
1623.334 घरणीघणत्थणपल्लण
1267.275 घरसामिअस्स वच्चिअ (?)
1419.302
GS VI. 66 GS III. 95 Cf. GS VI. 56
GS I. 70; Cf. SK p. 450 Cf. SK p. 668
Cf. SK p. 374 GS II. 71
Cf. SP p. 1099, p. 1219 GS III. 61
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