Book Title: Prakrit Verses in Sanskrit Works on Poetics Part 01
Author(s): V M Kulkarni
Publisher: B L Institute of Indology

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Page 711
________________ GS VI. 30 GS II. 70 (1st quarter only) GS I.71 GS (W) 711 GS (W) 861 GS (W) 841 Cf. SP p. 603 p. 610 GS (W) 837 Cf. SKp. 676 Vide Appendix - I Cf SPp. 603, p. 1208 GS (W) 829 Cf.SK p 700 (Ist quarter only) जं जं पुलएमि दिसं 803.195 जंझा (? झंझा) वाओत्तिणिए 1294.280 जंतअ मे०तं ताइ णिव्वोदु 1001.229 (? जेत्तिसमेतं तीरइ णिव्वोढुं) जं तुह कज्जं तं चेअ 947.220 जं पउद्ध (त्थ) पइआ 1347.289 जं पि अलिओपआरं 1575.327 जं पीअं मंगलवासणाए 1284.278 जं मुच्छिआए ण सुओ 1290.279 जं वदणरवइ विणओ (अपभ्रंशभाषायाम) 906.213 जं वहइ पीअ (?) खंडं 1439.305 जं वि अलिओवआरं 1086.243 जणिअहरिसाण तक्ख () 1561.324 ज०ध ण उज्जगिरओ 981.226 जलविणअबोजसि कामं (?) 1149.254 जह इच्छा तह रमिश्र 869.206 जह जह अत्थमइ रवि 1216.265 जह जह तीए भवणं 1076.241 जह जह वड्ढंति थणा 1440.305 जह जह वाएइ पिओ 1133.251 जह जह से परिउच्वइ (? परिउवइ) 1582.328 जह दिअहविरामो णव 1274.276 जा अणुणअंण गेण्हइ 1218.266 जाअ सहत्थवक्किवा (?) 1302.281 जाए परलोअगए 1372.293 जाणइ जाणावेळ 1079.242 जाणइ सेह (? सिणेह) भणिों 1414.301 जाणिमि कआवराह 915.224 1201.262 जामि अहिअअवहरिसा 1158.255 जाव अ ण देहि ओहिं 1271.276 जाव ण उंठंमनिधण 808.196 जावण लक्खेइ परो 1097.244 GS III. 92 GS IV.4 Cf. SK p. 633 GS (W) 839 Harivijaye Setu XI. 80 GS I. 88 Setu XI. 119 GS (W) 902 GS (W)786

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