Book Title: Prakrit Verses in Sanskrit Works on Poetics Part 01
Author(s): V M Kulkarni
Publisher: B L Institute of Indology
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GS (W) 885 GS (W) 925 GS (W) 873
Setu XI. 64 Setu XI. 96
GS II. 29
तत्य वि होति सहीओ
1505.315 तरलच्छि चंदवअणे
1080.242 तह अडअणाए रुण्णं
1369.292 तह कह विडुसुसुरअसहं
895.211 तह णिमिअ च्चिअ दिट्ठी
1374.293 तह तंसि गआ मोहं
1407.300 तह बंधणअणुराए
1009.231 तह माणो माणहणाएँ
1022.233 तह माणो माणतीए (?माणहणाए) । 1187.260 तह सा जाणइ जायलोए
1432.304 तह सोहइ दोआगम (अपभ्रंशभाषायाम्) 1632.335 ताकिंकरेदुउ जइ
1537.321 ता कुणह कालहरणं
1503.315 तामरसकोमलाओ
1563.325 तालूरभमाउलखंडिअ
-854.203 ताव अ तमालकसण
1474.310 ताव आ (?अ) रअणिवहूए
1490.312 ताव सुलेअअ (सुवेल) धराहर
1478.311 ता सोक्खं ताव रई
1197.262 तिहुअणमूलाहारं
1409.300 तीए अणुराअपसरिअ
1580.327 तीए ण [व] पल्लवेण
1384.295 तीए दंसणवण (सुहए)
1077.241 तीए विअलंतधीरं
1587.328 तीए सविसेसदूमि
1646.337 तीए हिअआणुचितिअ
1578.327 तुं धिरो विसालो (?तुंगो थिरो विसालो) 1227.267 तुं सि मए चुअंकर दिण्णो (?) 1527.319 तुज्झ पिअणाउरण झिअइ (?) 1180.259 तुरिअपहाइअदिम्मि (?)
961.222 तुह च्छामो अरिदूमि (?)
1639.336 तुह ण आणे हिअअं
967.224 तुहताहएरिसं (? = सहिआ
1393.297 रक्खसवसही)
Cf. SK p. 688 Vide Appendix -I GS III. 21 Cf. SK p. 668 (HV?) GS I. 37 Setu X. 25 (HV?) (HV?) GS (W) 931 . Setu XI. 88 (HV?) Setu X!. 107 Cf. SK (p. 724) (HV?) (HV?) Cf. SK (p. 678); (HV?)
(HV)
Vajja. 361; GS (W) 935 Sakuntala VI. 2
Sakuntala III. 15 Setu XI. 102
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