Book Title: Prakrit Verses in Sanskrit Works on Poetics Part 01
Author(s): V M Kulkarni
Publisher: B L Institute of Indology
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Cf.GS (W)919 GS VII. 48 Cf. GS (W) 925
GS III. 31 Lilavai. 423
GS II. 29
Cf. SK p. 688 GS III. 54
तणुआइआ वराई
754.188 तत्तो च्चिअ होंति कहा
453.135 तरलच्छि चंदवअणे
762.189 तरुणेहि कअंतो सं (?कओ तोसो) 473.140 तस्स अ सोहग्गगुणं
576.157 तब्स मआळि०छणन्स (? तस्स 540.151
मअलंछणस्स) तस्स मअलंछणस्स
253.96 तह उज्जु वि रसि
651.171 तह तीए सुहरसो
581.158 (तह) पूरिअमोड्ढण
285.102 तह माणो माणधणाए
312.107 तह मुन्धा (? द्धा)ए पुलोइओ
237.93 तह वलिअं णअणजुरं
657.172 तह सा जाणइ जाआ
687.177 तह सुण्हाए पुलोइओ
382.121
719.182 तह सोण्हाए पुलइओ
491.143 तं कंपि कअं उग्गिण्ण (?)
463.138 तं तिअसकुसुमदामं
223.89 528.149
681.176 तं न पिजसहिअणोभणे (? तं गत्थि जं 518,147 सहिअणो) तं सिद्धकुमारं वे (? पे)च्छिऊण 267.98 ता किं करेउ जइ तं
481.141 ता कि बहुएहि वि चितिएहि
269.99 ता कुणह कालहरणं
474.140 ता छिवइ ता णिअच्छइ
572.157 तावअरंखसणाहो (? ताव अ रक्खसणाहो) 521,148 ताव गुणिउं उ मरिउं (?)
640.169 ताव च्चिअ रइसमए
493,143 तावमवणेइ ण तहा
634.168 ता से चिरमत्थ (? उम्मीलंती चिअ से) 508.145
HV
GS III. 21
Cf. SK p. 668
Setu XII. 40
GS I. 5 GS III. 88 Setu XII. 23/24
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