Book Title: Prakrit Verses in Sanskrit Works on Poetics Part 01
Author(s): V M Kulkarni
Publisher: B L Institute of Indology
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उण्हं जउणाए जलं ?
1260.274 उत्तारिअ-णेउर-हार ?
1567.325 उ०प०ळ ळोवणेण (? उप्फुल्ल-लोअणेण) 944.219 उप्पेक्खागअदइअं?
1295.280 उ० मालुति (? उम्मूलंति) व हिअअं। 1031.234
Cf. GS (W) 828. Cr. GS (W) 834 Cf• GS (W) 914 GS II. 46 (1st quarter only)
उम्मूलंति जह तीर ? उम्मूळअंति ( ? उम्मूलेंति व हिअअं) उरपेल्लिअवह (?वइ) कारेल्लि . उवहइ दइअगहिआहरो ?
862.204 1139.252
900.212 1223.267
GS II. 46 Cf. SK p. 451 Cf. GS (W) 933 .. GV. 690 GS V. 61
Cf. GS (W) 905
894.211 1335.287 1179.259 1345.288 1081.242 1606.331 1489.312
GS I. 86 Vide Appendix - I
1336.287
Vide Appendix - I
उह (उअ) संभमविक्खित्तं एअ च्चिअ पुत्ति पिअं? एअंचिअ मह णामं? एअंपिअ पेसज्जउ एक्कं पहरुविण्णं एक्कपहरुव्वाअं हत्थं ? एत्तहि उत्तहे जंतहि ? (अपभ्रंश-भाषायाम्) एत्तहि पुक्किअ... समीरण वारइ (अपभ्रंश-भाषायाम्) ए० तो (? एंतो) वि पलाअंतो एहमेत्ते गामे ए० घ (एत्थ) अहं चेअ पिआ ण ए. ध चिअ ( ? एत्थच्चिअ) वससि तुमं? एमेअ अकअपुण्णा एविअलंतवीरं ? एसाए (?) मज्जाआमुद्ध एहिइ पिओ त्ति णिमिसं एहिइ सो वि पउ० तो (पउत्थो) एहि गमागमखेओ? एहेहि (? ए एहि) किपि तिस्सा एंतो वि ण सच्चविओ
- GS VI.53
960.222 857.204 1183.259 1174.258
Cf. SK p. 615
970.224 1599.330
864.205 1054.238 1059.239
946.220 1535.320 1041.236
Cf. GS IV. 85; SK p. 690 G$ I. 17
Cf. KP X, under Aksepa Cf. SK p. 372
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