Book Title: Prakrit Verses in Sanskrit Works on Poetics Part 01
Author(s): V M Kulkarni
Publisher: B L Institute of Indology

Previous | Next

Page 698
________________ 40 GS IV. 57 Setu II. 42 GSI. 94 GV. 959 . GS. II. ४0 GS II. 30 GS I. 39 Vide Appendix -1 (HV) संकेअऊसुअमणो 602.162 693.177 संदट्ठाहरजुअलं 366.118 संभावं (?सम्भावं) पुछं (?च्छं)ती 475.140 सा अण्णवरविवाहे 383.122 (सा तुह विरहे णिक्किव) सा अ-दसणहाद्धा (?साअरदसणहित्था) 507.145 सा तुइ सहत्थदिणं (?ण्णं) 289.103 604.162 सामण्णसुंदरीणं 648.170 677.175 सामाइ सामल ए 439.133 सालोए वि (?च्चि)अ सूरे 306.106 590.160 , साहीणे वि पिअअमे 632.168 सिअणुचंपणे दिणेकहं (?) 489.143 सिर (? सुर) कुसुमेहि कलुसि 225.90 सुण्हाए (सुण्हा अ) हिअअगुणि 462.137 सुप्पउ तइओ पि (?वि) गओ 760.189 सुप्पं दड्ढं चणआ 698.178 सुरआवसाणविळि ( = लि) ओ 738.185 783.193 सुहअ तुह विरहहुअवह 345.114 सुहउच्छिआइ सुहओ 343.114 सेअच्छलेण पेच्छह 242.93 सेउल्लिअसव्वंगी 454.136 सो तुह कएण सुंदरि 451.135 796.194 हत्थप्फसेण जरग्गई 606.163 हत्थेसु अ पाएसु अ 254.96 हध्दं छंपुगाळहिअ (?) 517.147 हरिसुल्लावा कुलपा(? बा) लिआण 737.185 हसिएहि उवाळं ( 3 लं) भा 652.171 हसिआइ समाळसकोमळाइ (? हसिआइं 637.169 समंसलकोमलाई) GS V. 12 , GS VI. 57 GS IV. 17 GS HI. 78 GS V. 40 GS I. 84 GS V. 62 GS IV. 7 GS VI. 13 Cf. SK, p. 683

Loading...

Page Navigation
1 ... 696 697 698 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745 746 747 748 749 750 751 752 753 754 755 756 757 758 759 760 761 762 763 764 765 766 767 768 769 770 771 772 773 774 775 776 777 778 779 780 781 782 783 784 785 786 787 788 789 790