Book Title: Prakrit Verses in Sanskrit Works on Poetics Part 01
Author(s): V M Kulkarni
Publisher: B L Institute of Indology

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Page 687
________________ गामकुमरी वि हिअअं गामतरुणीओ हिअअं गिज्जते मंगलगाइआए (? गाइआहि) गिम्हं गमेइ कहकह Cf. GS VI. 45 GS VI. 45 GS VII. 42 GS II. 100 GS II. 7 GS II. 93 गेण्हह पलोअह इम गोलाअउ (? ड) द्विअंपे गोळा (ला) गई ण तूहे (?) गोलाविसमोआरच्छलेण घडिऊरुसंपुडं णव . घरमंधणवण्णअइ घरसामिअस्स राणे परिणिघणत्थणवे (?) लण 437.132 645.170 293,103 486.142 758.189 550.153 445.134 601.162 482.142 554.154. 290.103 724.183 487.142 526.149 533.150 574.157 713.181 248.95 743.186 385.122 315.108 374.120 GS III. 61 Cf. SK P.673 GSI. 13 GS IV. 12 घरिणीए अकअळं (? अकइअव्वं) घरिणीए महाणसकम्म घेत्तुं मुंचइ (? मुच्चइ) अहरो घेच्छलअणो विसूरह घेतूण (?घेत्तूण) चुण्णमुट्टि चक्कम्मिउं ससलीलं (? चंकम्मिउं सलील) चच्चरघरिणी पिअदंसणा चिरजीवित्तकिंखिरि चुंबइ वासिण्णमुही (गामवडस्स पिउच्छा...) चुंबणविलिहणमिल्ले चूड (? वोड) सुणओ विपण्णो चोरिअरअसत्था (?द्धा) लुणि • चोरिअरअसद्धालुइ चं छं खाहिपरोक्ख (? पच्चक्खाहि परोक्खं) चंदसरिसं मुहं से 546.152 792.194 708.180 GS I. 36 cf. GS (W) 854 259.97 696.178 344.114 GS VI. 49 GS V. 15 620.165 514.147 Setu IV. 27 669.174 GS III. 13

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