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भानु
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( २२७ )
उपवासपूर्वक हृषीकेश नामसे भगवान् की पूजा करनेवाला मनुष्य सौत्रामणि यशका फल पाता और पवित्रात्मा होता है (अनु० १०९ । १२ ) ।
भानु - (१ ) एक देव, जो विवस्वान् के बोधक माने गये हैं ( आदि ० १ । ४२ ) । (२) 'प्राधा' नामवाली कश्यपकी पत्नी के गर्भ से उत्पन्न एक देवगन्धर्व ( आदि० ६५ । ४७ ) । ( ३ ) ये श्रीकृष्ण के पुत्र थे ( सभा० २ । ३५) । मृत्यु के पश्चात् ये विश्वेदेवों में प्रविष्ट हो गये ( स्वर्गा० ५ । १६-१८ ) । ( ४ ) ये पाञ्चजन्यनामक अग्निके पुत्र हैं, जो आङ्गिरस व्यवनके अंशसे उत्पन्न हुए थे ( वन० २२० । ९ ) । इन्हींको मनु तथा बृहद्भानु भी कहते हैं (वन० २२१ । ८) । (५) एक प्राचीन राजा, जो कृपाचार्य के साथ होनेवाले अर्जुनके युद्धको देखनेके लिये इन्द्रके विमानमें बैठकर पधारे थे ( विराट० ५६ । ९-१० ) ।
भानुदत्त - यह शकुनिका भाई था, जो भीमसेनके साथ युद्ध
मैं उनके द्वारा मारा गया था (द्रोण० १५७/२४ - २६) । भानुदेव - एक पाञ्चाल योद्धा, जो कर्णद्वारा मारा गया ( कर्ण ० ४८ । १५ ) ।
भानुमती - (१) यह कृतवीर्यकी पुत्री तथा पूरुवंशी राजा अहंयातिकी पत्नी थी । इसके गर्भ से सार्वमौम नामक पुत्र उत्पन्न हुआ (आदि० ९५ । १५) । ( २ ) महर्षि अङ्गिराकी प्रथम पुत्री, जो बड़ी रूपवती थी ( बन० २१८ । ३)। भानुमान् - कलिङ्गदेशका राजकुमार। यह कौरवपक्षकी ओरसे युद्ध करते हुए भीमसेनद्वारा मारा गया ( भीष्म० ५४ । ३३-३९)।
भानुसेन - यह कर्णका पुत्र था । भीमसेनद्वारा इसका वध ( कर्ण ० ४८ । २७ ) ।
भारत - भरतके वंश में उत्पन्न होनेवाले लोग 'भारत' नामसे कहे जाते हैं ( आदि ० १७२ । ५० के बाद दा० पाठ) ।
भारतवर्ष - जम्बूद्वीपके नौ वर्षोंमेंसे एक (भीष्म० ६ । ७) ।
इसका विशेष वर्णन ( भीष्म अध्याय ९ से १० तक ) । भारतसंहिता - व्यासजीद्वारा रचित चौबीस हजार श्लोकोंकी संहिता, जिसे विद्धान् पुरुष भारत भी कहते हैं ( आदि ० १ । १०२ ) ।
भारती - एक नदी, जिसकी गणना अग्नियोंको उत्पन्न करने
वाली नदियोंमें है ( बन० २२२ । २५-२६ ) । भारद्वाज - एक ऋषि, जिन्होंने सत्यवान् के जीवित होनेका विश्वास दिलाकर राजा द्युमत्सेनको आश्वासन दिया था ( वन० २९८ । १६ )
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भीम
भारद्वाजतीर्थ-यह पाँच नारीतीर्थोंमेंसे एक है। यहाँ अर्जुन तीर्थयात्रा के समय गये थे ( आदि० २१५ । ४ ) । भारद्वाजी - भारतवर्षकी एक प्रधान नदी, जिसका जल यहाँके निवासी पीते हैं ( भीष्म० ९ । २९ ) । भारुण्ड - उत्तरकुरुवर्ष में रहनेवाले महाबली पक्षियोंकी एक जाति । इनकी चोंच बड़ी तीखी होती है और ये वहाँके मरे हुए लोगोंकी लाशको उठाकर कन्दराओंमें फेंक आते हैं ( भीष्म ० ७ । १२; शान्ति० १६९ । ९ ) । भार्गव - एक भारतीय जनपद ( भीष्म० ९ । ५० ) । भालुकि एक प्राचीन ऋषि, जो युधिष्ठिरकी सभा में विराजते हैं ( सभा० ४ । १५ ) ।
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भावन- द्वारकाके समीपवर्ती वेणुमन्त पर्वतके निकट स्थित एक सुन्दर वन ( सभा ० ३८। २९ के बाद दा पाठ, पृष्ठ ८१३ ) ।
भाविनि - स्कन्दकी अनुचरी एक मातृका ( शल्य० ४६ । ११) ।
भास - एक पर्वत, जिसकी गणना पर्वतोंके अधिपतियोंमें है (आश्व० ४३ । ५ ) ।
भासी - ( १ ) कश्यपकी प्राधा नामवाली पत्नीसे उत्पन्न हुई आठ कन्याओंमेंसे एक ( आदि० ६५ । ४६ ) । ( २ ) यह ताम्राकी पुत्री है। इसने मुर्गों तथा गीधोंको जन्म दिया ( आदि० ६६ । ५६-५७ ) । भास्कर - कश्यपद्वारा अदिति के गर्भ से उत्पन्न बारह आदित्योंमेंसे एक ( अनु० १५० १४-१५ ) । भास्कर - एक प्राचीन ऋषि, जो शरशय्यापर पड़े हुए भीष्मको देखने के लिये आये थे ( शान्ति ० ४७ । १२ ) । भास्वर - सूर्यद्वारा स्कन्दको दिये गये दो पार्षदोंमेंसे एक ।
दूसरेका नाम सुभ्राज था ( शल्य० ४५ । ३१ ) । भीम - (१) कश्यपद्वारा मुनिके गर्भ से उत्पन्न एक देवगन्धर्व ( आदि०६५ । ४३) । (२) धृतराष्ट्रके सौ पुत्रोंमेंसे एक ( आदि० ६७ । ९८ ) । यह भीमसेनद्वारा मारा गया ( भीष्म ० ६४ । ३६-३७) । ( ३ ) ये महाराज ईलिनके द्वारा रथन्तरीके गर्भ से उत्पन्न हुए थे । इनके चार भाई और थे— दुष्यन्त, शूर, प्रवसु और वसु (आदि० ९४ । १७-१८ ) ( ४ ) ये विदर्भदेशके राजा थे ( वन० (५३ । ५ ) । दशार्णनरेश सुदामाकी पुत्री इनकी पत्नी थी ( वन० ६९ | १४-१५) । महर्षि दमनकी कृपासे इन्हें दम, दान्त और दमन नामक तीन पुत्र तथा दमयन्ती नाम्नी कन्याकी प्राप्ति ( वन० ५३ । ६-९ ) । इनके द्वारा दमयन्तीके स्वयंवरका आयोजन ( वन०