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हलिमा
हलिमा शिशुकी सप्त मातृकाओंमेंसे एक ( वन० २२८ । १० ) ।
हलीमक - वासुकिकुलोत्पन्न एक नाग, जो जनमेजयके सर्पसत्र में जल मरा था (आदि० ५७ । ५) । हवन-ग्यारह रुद्रोंमेंसे एक ( अनु० १५० | १३ )। हविध - एक प्राचीन नरेश, जिनका नाम सायं प्रातः स्मरणीय है (अनु० १६५ । ५८ ) ।
( ४०४ )
विर्घामा - मनुवंशी अन्तर्धामाके पुत्र । इनका पुत्र प्राचीनबर्हिके नामसे उत्पन्न होगा ( अनु० १४७ । २४ ) । हविःश्रवा - सोमवंशीय महाराज कुरुके वंशज धृतराष्ट्रके पुत्र ( आदि० ९४ । ५९ ) ।
हविष्मती - महर्षि अङ्गिराकी पाँचवीं कन्या, जिसके सान्निध्यमें हविष्यद्वारा देवताओंका यजन किया जाता है ( वन० २१८ । ६ ) ।
हविष्मान् - एक प्राचीन महर्षि, जो इन्द्रसभामें रहकर इन्द्रकी उपासना करते हैं ( सभा० ७ । १३ ) | हसन - स्कन्दका एक सैनिक ( शल्य० ४५ । ६७ ) । हस्तिकश्यप - एक प्राचीन ऋषि, जो पर्वतपर तप करते समय श्रीकृष्णके पास गये थे ( अनु० १३९ | ११ ) | ये उत्तर दिशाके निवासी हैं ( अनु० १६५ । ४६ ) । हस्तिपद - कश्यपवंश में उत्पन्न एक प्रमुख नागराज ( आदि० ३५ । ९ ) ।
हस्तिपिण्ड - कश्यप वंश में उत्पन्न एक प्रमुख नागराज ( आदि० ३५ | १४ )।
हस्तिभद्र - कश्यपवंश में उत्पन्न एक नाग उद्योग ० १०३ । १३ ) ।
हस्तिसोमा - भारतवर्ष की एक नदी, जिसका जल भारतवासी पीते हैं ( भीष्म० ९ । १९ ) ।
हस्ती - ( १ ) सोमवंशीय महाराज कुरुके वंशज धृतराष्ट्रके पुत्र ( आदि ० ९४ । ५८ ) । ( २ ) चन्द्रवंशी राजा सुहोत्रके पुत्र । इनकी माता इक्ष्वाकुकुलकी कन्या सुवर्णा थी । इनकी भार्या त्रिगर्तराज की पुत्री यशोधरा थी, जिसके गर्भ से विकुण्ठन नामक पुत्र उत्पन्न हुआ था । हस्तिनापुर नगर इन्होंने ही बसाया था ( आदि० ९५ । ३४-३५ ) ।
हाटक - हिमालय के उत्तरभागवर्ती एक देश, जो गुह्यकों का निवासस्थान है । उत्तरदिग्विजय के अवसरपर अर्जुन यहाँ गये और गुह्यकोंको समझा-बुझाकर अपने अधीन कर लिया ( सभा० २८ । ३-४ )।
हार - एक देश, यहाँके नरेशको नकुलने पश्चिम-दिग्विजयके समय आज्ञामात्रसे ही अपने अधीन कर लिया था ( सभा ० ३२ । १२-१३ ) । इस देशके नरेश युधिष्ठिरके राजसूययज्ञमें भेंट लेकर आये थे ( सभा० ५१ । ५४ ) । हारीत - एक प्राचीन ऋषि, जो युधिष्ठिरका विशेष सम्मान
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हिडिम्बवन
करते थे ( वन० २६ । २३ ) । ये शरशय्या पर पड़े हुए भीष्मको देखने के लिये आये थे ( शान्ति० ४७ । ७ )। इनके द्वारा संन्यास आश्रमका वर्णन ( शान्ति० २७८ अध्याय ) | हार्दिक्य - ( १ अश्वपति नामक दैत्यके अंश से उत्पन्न एक क्षत्रिय नरेश ( आदि० ६७ । १५ ) । इसे पाण्डवोंकी ओरसे रणनिमन्त्रण भेजनेका निश्चय किया गया था ( उद्योग ० ४ । १२ ) । ( २ ) यदुकुलमें उत्पन्न हृदिकका पुत्र कृतवर्मा, जो रैवतक पर्वतपर होनेवाले उत्सव में विद्यमान था ( आदि० २१८ । ११-१२ ) । हासिनी - अलकापुरीकी एक अप्सरा, जिसने अष्टावक्र
ऋषिके स्वागत के अवसरपर कुबेरभवनमें नृत्य किया था (अनु० १९ । ४५ ) | हास्तिनपुर ( हस्तिनापुर ) - गङ्गातटपर बसी हुई एक नगरी, जिसे सुहोत्रके पुत्र राजा हस्तीने बसाया था इसीलिये इसका नाम ' हास्तिनपुर' हुआ ( आदि० ९५ । ३४ ) | यह कौरवोंकी रमणीय राजधानी थी । यहाँ किसी समय राजा शान्तनु राज्य करते थे ( आदि० १०० | १२ ) । अभिमन्यु -पुत्र परीक्षित्को यहींका राजा बनाया गया था ( महाप्र० १ । ८ ) । ( आधुनिक मत अनुसार मेरठ से २२ मील उत्तर-पूर्व और बिजनौर से दक्षिण-पश्चिम गङ्गाके दाहिने तटपर इसकी स्थिति मानी गयी है | )
हाहा - एक श्रेष्ठ गन्धर्व, जो महर्षि कश्यपद्वारा प्राधाके गर्भ से उत्पन्न हुए थे (आदि० ६५ । ५११ वन० ४३ | १४ ) । ये अर्जुनके जन्म महोत्सवमें पधारे थे ( आदि० १२२ । ५९ ) । ये कुबेरकी सभामें रहकर उनकी उपासना करते हैं ( सभा० १० । २५-२७ ) । इन्होंने इन्द्रलोककी सभा में अर्जुनका स्वागत किया था ( वन० ४३ । १४ )।
हिंगुल - एक पर्वतीय धातु, जो संध्याकालीन बादलोंके समान लाल रंगकी होती है (वन० १५८ । ९४ ) । हिडिम्ब - शाल के वृक्षपर रहनेवाला एक क्रूर नर-मांसभक्षी राक्षस, जिसका मुख बड़ा विकराल था ( आदि० १५१ । १–३ )। सोये हुए पाण्डवोंको देखकर इसका हर्ष तथा अपनी बहिन हिडिम्बाको उनका पता लगाने और उन्हें मार लानेके लिये इसका आदेश ( आदि० १५१ । ७१४ ) । हिडिम्बापर इसका क्रोध (आदि० १५२ । १६१९ ) । वधकी इच्छा से इसका पाण्डवों तथा हिडिम्बापर आक्रमण ( आदि० १५२ । २० । भीमसेनके साथ इसका विवाद और युद्ध ( आदि० १५२ । २२ - ४२ ) । भीमसेनद्वारा इसका वध ( आदि० १५३ | ३०-३२ ) । हिडिम्बबधपर्व - आदिपर्वका एक अवान्तर पर्व ( अध्याय १५१ से १५५ तक ) ।
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हिडिम्बवन - एक वन, जिसमें हिडिम्ब नामक राक्षस निवास करता था ( वन० १२ । ९३ ) ।