Book Title: Leshya kosha Part 2
Author(s): Mohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
Publisher: Jain Darshan Prakashan

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Page 13
________________ उपविभाजन का उदाहरण *५१ लेश्या की अपेक्षा जीव के भेद - ५२ लेश्या की अपेक्षा जीव की वर्गणा *५३ विभिन्न जीवों में कितनी लेश्या *५४ विभिन्न जीव और लेश्या-स्थिति *५५ लेश्या और गर्भउत्पत्ति *५६ जीव और लेश्या समपद *५७ लेश्या और जीव का उत्पत्ति-मरण ५८ किसी एक योनि से स्व / पर योनि में उत्पन्न होने योग्य जीवों में कितनी लेश्या→ *५६ जीव समूहों में कितनी लेश्या Jain Education International '५८१ रत्नप्रभा पृथ्वी के नारकी में उत्पन्न होने योग्य जीवों में *५८२ शर्कराप्रभा० *५८३ बालूकाप्रभा० "५८४ पंकप्रभा० *५८५ धूमप्रभा० '५८६ तमप्रभा० *५८७ तमतमा प्रभा० ५८८ असुरकुमार० '५८६ नागकुमार यावत् स्तनितकुमार ५८.१० पृथ्वी कायिक० *५=१० '१ स्वयोनि से *५८*१०*२ अप्कायिक योनि से ५८१०३ अग्निकायिक योनि से *५८ १०४ वायुकायिक योनि से ५८ १०५ वनस्पतिकायिक योनि से ५८१०६ द्वीन्द्रिय से *५८ १०७ त्रीन्द्रिय से *५८१०८ चतुरिन्द्रिय से ५८१० असंज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यंच योनि से ·५८·१०·१० संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यच योनि से *५८१०११ असंज्ञी मनुष्य से ५८१०१२ संज्ञी मनुष्य से *५८*१०·१३ असुरकुमार देवों से *५८*१०*१४ नागकुमार यावत् स्तनितकुमार देवों से '५८ १० १५ वानव्यंतर देवों से *५८ १० १६ ज्योतिषी देवों से *५८ १० १७ सौधर्म देवों से *५८ १० १८ ईशान देवों से, आदि For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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