Book Title: Leshya kosha Part 2
Author(s): Mohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
Publisher: Jain Darshan Prakashan

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Page 12
________________ मूल वर्गों के ० जैन दार्शनिक पृष्ठभूमि→ ०० सामान्य विवेचन ०० सामान्य विवेचन ० शब्द-विवेचन ०१ गति “१] द्रव्यलेश्या ०२ इन्द्रिय •२ (प्रायोगिक) ०१ लोकालोक ०३ कषाय ०४ लेश्या→ '३ द्रव्यलेश्या ०५ योग ( विस्रसा) ०२ द्रव्य ०६ उपयोग ०७ ज्ञान-अज्ञान "४ भावलेश्या ०८ दर्शन ०३ जीव ०६ चारित्र १० वेद "५ लेश्या और जीव→ ११ शरीर ०४ जीव-परिणाम १२ अवगाहना १३ पर्याप्ति १४ प्राण ०५ अजीव-अरूपी १५ आहार १६ योनि १७ गर्भ ०६ अजीव-रूपी पुद्गल १८ जन्म-उत्पत्ति-उत्पाद . विविध १६ स्थिति २० मरण-च्यवन-उद्धर्तन ०७ पुद्गल-परिणाम २१ वीर्य २२ लब्धि २३ करण ०८ समय, व्यवहार- २४ भाव समय २५ अध्यवसाय २६ परिणाम ०९ विशिष्ट सिद्धान्त २७ ध्यान २८ संज्ञा आदि । सलेशी जीव Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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