Book Title: Kasaypahudam Part 11
Author(s): Gundharacharya, Fulchandra Jain Shastri, Kailashchandra Shastri
Publisher: Bharatvarshiya Digambar Jain Sangh
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क्षेत्र- उत्कृष्ट, जघन्य स्पर्शन- उत्कृष्ट, जघन्य काल- उत्कृष्ट, जघन्य अन्तर- उत्कृष्ट, जघन्य भाव अल्पबहुत्व उत्कृष्ट, जघन्य
भुजगारप्रदेश उदीरणा १३ अनुयोग द्वारोंकी सूचना समुत्कीर्तना स्वामित्व एक जीवकी अपेक्षा काल एक जीवकी अपेक्षा अन्तर नाना जीवोंकी अपेक्षा भंगविचय भागाभाग परिमाण
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अन्तर उत्कृष्ट, जघन्य सन्निकर्ष उत्कृष्ट, जघन्य भाव अल्पबहुत्व उत्कृष्ट, जघन्य चूर्णिसूत्र और उच्चारणामें आनेवाले मतभेदका समाधान
. भुजगारप्रदेश उदीरणा समुत्कीर्तना स्वामित्व एक जीवोंकी अपेक्षा काल एक जीवोंकी अन्तर नाना जीवोंकी अपेक्षा भंगविचय भागाभाग परिमाण क्षेत्र- स्पर्शके जानेकी सूचना काल अन्तर
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भाव
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अल्पबहुत्व पदनिक्षेप और वृद्धिके जाननेकी सूचना वेदक अनुयोगद्वारकी दूसरी गाथाके उत्तरार्धका विषयनिर्देश वेदक अनुयोगद्वार की तृतीय गाथा भुजागार उदीरणासे प्रतिबद्ध है इसकी सूचना वेदक अनुयोगद्वारकी चौथी गाथा का विषयनिर्देश बन्धादि पाँच पदोंके प्रकृति आदि चारकी अपेक्षा उत्कृष्टका उत्कृष्टके साथ और जघन्यका जघन्यके साथ अल्पबहुत्वसूचन प्रकृति की अपेक्षा बन्धादि पाँच पदोंका अल्पबहुत्व स्थिति की अपेक्षा बन्धादि पाँच पदोंका अल्पबहुत्व अनुभागकी अपेक्षा बन्धादि पाँच पदोंका अल्पबहुत्व उत्कृष्ट जघन्य प्रदेशोंकी अपेक्षा पाँच पदोंका अल्पबहुत्व
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स्पर्शन काल अन्तर भाव अल्पबहुत्व - पदनिक्षेप और वृद्धि को जाननेकी सूचना
उत्तरप्रदेश उदीरणा समुत्कीर्तनादि २४ अनुयोगद्वारोंकी सूचना समुत्कीर्तना- उत्कृष्ट जघन्य सर्वउदीरणा आदि ६ अनुयोगद्वारोंके जाननेकी सामान्य सूचना सादि आदि ४ अनुयोग द्वार स्वामित्व- उत्कृष्ट, जघन्य एक जीवकी अपेक्षा काल उत्कृष्ट, जघन्य एक जीवकी अपेक्षा अन्तर उत्कृष्ट, जघन्य नाना जीवोंकी अपेक्षा भंगविचय उत्कृष्ट, जघन्य भागाभाग उत्कृष्ट, जघन्य परिमाण उत्कृष्ट, जघन्य क्षेत्र उत्कृष्ट, जघन्य स्पर्शन उत्कृष्ट, जधन्य काल उत्कृष्ट, जघन्य
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