Book Title: Jainpad Sangraha 05
Author(s): Jain Granth Ratnakar Karyalaya Mumbai
Publisher: Jain Granth Ratnakar Karyalay

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Page 12
________________ पद भजनोंकी पुस्तकें । IT जैनपदसंग्रह प्रथमभाग-कविवर दौलतरामजीकृत ।) जैनपदसंग्रह द्वितीयभाग-पं० भागचन्द्रजीकृत ।) जैनपदसंग्रह तीसराभाग-कवि० भूधरदासजीकृत ।) जैनपदसंग्रह चौथाभाग-कवि० द्यानतरायजीकृत ॥ माणिकविलास-कविवर माणिकचन्दजीकृत र भजनोका संग्रह .... .... ... .... ) ई जैनभजनसंग्रह-यतिनयनसुखजीकृत.... .... ) वृन्दावनविलास-इसमें कविवर वृन्दावनजीकी और और कविताओंके सिवाय पदोंका भी संग्रह है हीराचन्द अमोलकके पद-इसमें हिन्दीके ९४ पद और १४ मराठीके पदोंका संग्रह है .... मिलनेका पताश्रीजैनग्रन्थरत्नाकरकार्यालय-हिराबाग, र पो० गिरगांव-बम्बई. 2-occee

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