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तत्वार्थ वालवोधनी टीकाभाषापूजासंग्रहजैनसिद्धान्तदर्पण - पं० गोपालदासजीकृत
सुशीला उपन्यास - बहुत ही सुन्दर संशयतिमिरप्रदीप - पं० उदयलालजीकृत
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बुधजन सतसई ।
कविवर वुधजनजीके बनाये हुए ७०० दोहे |
नीति, उपदेश, वैराग्य, और सुभाषित विषयोंके प्रत्येक पुरुष स्त्रीके कंठ करने लायक सात सौ दोहे इस पुस्तकमें है । कविता बहुत ही अच्छी है, बहुतही शुद्धतासे छपाई गई है । कठिन २ शब्दोंपर जगह जगह टिप्पणीमें अर्थ लिख दिया है । सब लोग खरीद सकें इसलिये मूल्य बहुत ही थोड़ा अर्थात् केवल ) तीन आना रक्खा है । एक एक प्रति सबको मंगा लेना चाहिये ।
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नोट - इनके सिवाय हमारे यहा सबं जगहके सब प्रकारके छपे हुए जैनग्रन्थ मिलते हैं । चिट्ठीपत्री इस ठिकानेसे लिखिये -
श्रीजैन ग्रन्थरत्नाकर कार्यालय
हीराबाग पो० गिरगांव - बम्बई | '