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आचारांग - सूची
५६
सूत्र संख्या ४
६०
६१
६२
६३
सूत्र
क
ख
ग
घ
ङ
च
छ
ज
संख्या ४
६४ क
३६
श्रु०२, अ०२ उ० १ सू०६४
अप्रासुक लवण के लेने का निषेध, भूल से लिए हुए के परिभोग की तथा डालने ( परठने ) की विधि
एकादश उद्देशक
ग्लान के निमित्त मिले हुए आहार के संबन्ध में माया करने का निषेध
सूत्र ६० के समान
सात पिण्डेषणा
अलिप्त हाथ एवं अलिप्त पात्र से आहार लेना
लिप्त हाथ एवं लिप्त पात्र से आहार लेना
अलिप्त और लिप्त पात्र या लिप्त हाथ और अलिप्त पात्र से आहार लेना
पश्चात् कर्म दोषरहित आहार लेना
भोजन से पूर्व धोये हुए हाथ सूकने के पश्चात् आहार लेना स्वयं या दूसरे के लिए पात्र में लिया हुआ आहार लेना
डालने योग्य आहार लेना
सात पाणैषणा
पिंडैषणा के सामान
आहार के स्थान में पानी समझना
पडिमाधारी की निन्दा का निषेध
द्वितीय शय्यैषणा अध्ययन
प्रथम उद्देशक
पक्षियों के अंडे आदि जिस उपाश्रय में हो, उसमें ठहरने का निषेध
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