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( ७४ ) और उपभोग सामग्रीमें बड़ा फरक है, यह सदा म्मरण रखना चाहिये । उपभोग सामग्री दूसरे के लिये घृणित नहीं होजाती। हॉ, अगर एकाध चीज थोडी बहुत घृणित कहलावे भी, तो यह नियम कदापि नहीं कराया जा सकता कि उपभोग सामग्री हो जाने से घृणित हो ही गई । क्योंकि ऐसा मानने से कुर्सी चौकी श्रादि का दुवारा उपयोग करना भी घृणित कहलाने लगेगा।
आक्षेप (घ)-ऐना कहीं न देखा सुना होगा कि एक स्त्री के अनेक पुरुष हो, जिस प्रकार एक पुरुष के अनेक स्त्रियाँ होती है यह सिद्धान्त कितना अटल है ? (श्रीलाल)
समाधान-आक्षेपक के सिद्धान्त की अटलता का तिब्बत में-जिसे प्राचीनकालमें त्रिविष्टप या स्वर्ग कहते थेदिवाला निकला हुआ है । वहाँ पर एक स्त्रीके एक साथ चार चार छ छः पति होते है । और अमेरिका, इग्लेड आदि देशों में एक पुरुष को एक से अधिक पत्नी रखने का अधिकार नहीं है । प्राकृतिक बात यह है कि एक पुरुष और एक स्त्री का दाम्पत्य सम्बन्ध हो । हाँ, अगर शक्तिका दुरुपयोग करना हो तो एक पुरुष अनेक स्त्री रख सकता है और एक स्त्री अनेक पुरुष रख सकती है । अटल नियम कुछ भी नही है । अगर थोडी देर के लिये आक्षेपक की बात मानली जाय कि एक स्त्री एक ही पुरुष रख सकती है तोमी उसके पुनर्विवाह का अधि. कार छिन नहीं जाता । एक श्राभूषण एक समय में एक ही आदमी के काम में आ सकता है । क्या इसीलिये फिर कोई उसका उपयोग नहीं कर सकता ? स्त्री तो रत्न है । रत्न एक समय में एक ही आदमी की शोभा बढ़ाता है, लेकिन समयान्तर में दूसरे के काम में भी आता है।
आक्षेप()-एक पुरुष अनेक स्त्रियों से एक वर्ष में