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( १२९) सन्तान नहीं होती, फिर भी वे विवाह नहीं करते। क्योंकि उन्होंने विवाह का मुख्य उद्देश्य विवाह के बिना ही पूर्ण कर लिया है। मुख्य उद्देश्य की पूर्ति होने पर गौण उद्देश्य की पूर्ति के लिये कार्य नहीं किया जाता।
आक्षेप (8)-कामवासना के शान्त न होने के कारण विधवाविवाह के विरोधी, विधवाविवाहका विरोध नहीं करते, किन्तु उनसे विगंध कराने का कारण है भगवान महावीर का पागम | आप उत्तर दे। आपके प्रमाण हमें जॅचे तो हम प्राप के आन्दोलन में आपका हाथ बटायेंगे।
ममाधान-नवमॉ प्रश्न भगवान के आगम के विचार का नहीं था। उसका विचार तो पहिले प्रश्नों में अच्छी तरह होगया। इसमें तो यह पछागया है कि विवाहसे कामलालसा के परिणामों में न्यूनता पाती है या नहीं ? यदि पाती है तो विधवाविवाह श्रावश्यक और उचित है । यदि नहीं आती तो विधवाविवाह अनावश्यक है। इसीलिये हमने युक्ति और शास्त्र प्रमाणों से सिद्ध किया है कि विवाह से सक्लेशता कमती होती है। युक्ति और तर्क के चलपर हमारे अान्दोलन में वही शामिल होगा जो मत्यप्रिय हांगा, प्रात्मोद्धार का इच्छुक होगा, देशसमाज का रक्षक होगा । सव्यसाची, टके के गुलामों की पर्वाह नहीं करता। जिस प्रकार प्राचीन सव्यसाची ने कृष्ण का बल पाकर अपने गागडीव धनुप से निकले हुए वाणा से कौरव दल का अवसान किया था उसी प्रकार आधुनिक सव्यसाची भगवान महावीर का चल पाकर अपन शान गागडीव से निकले हुए तरूपो वाणों से स्थितिपालक दल का अवसान करेगा।
आक्षेप (ण) सन्यसाची महोदय की दृष्टि में व्यमिचार को रोकने का उपाय विवाहमार्ग को उड़ाना है । आपको