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धर्मास्तिकाय
अधर्मास्तिकाय
खट्टा
विश्व क्या है ?
(विश्व
அழ்க
कायलय
रस
मीठा
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शिवाय पुरलास्तिकाय
00000
-पू. मुनिश्री गुणरत्नविजयजी म. की प्रेरणा से शिवगंज निवासी श्रीमति मोतीबाई धर्मपुत्ल लालजी बनाजी द्वारा निर्मित
जीवास्तिकाय
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