Book Title: Chitramay Tattvagyan
Author(s): Gunratnasuri
Publisher: Jingun Aradhak Trust

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Page 54
________________ क्या वनस्पति (पेड़-पौधों) मेंजीव होता है। 'भगवान महावीर ने करीबश हजार वर्ष। 'पहले कहा था कि पेड-पौधों में जीव होता। 'डॉजगदीश चन्द्र बोस ने करीब पहले। हैं और रास्ता एक सिद्धार पीडा वगैरह होतो आदि का प्रभाव पडला है उन्हें ही दुव पीड़ा ਤਮਕ ਰਵਾ ਦੇ। म.महावीर ने कहा कि वनस्पतिको हिंसादि भावों (अध्यवसायों के कारण कर्म बंध होता है। हौं जगदीशचन्द्र बोस 1858-1957 नेस्कोकोनचन्नासे निदा आदि का स्वीकार वीनस सार्थ अमेरीका में जीनस्य पोश होता है। वह मधुमकिवयों को पकड़ लेता है औरघेर कर सारडालता COसयामा (निम्न कोश सनड्यू 'डंग्लेंड में सनड्यू पौधे की पत्तियों पर लाल रोये होते हैं। उनके ऊपर पीले रंग का द्रव पदार्थ होता है। उस पर कोई मधुमक्खी बैठती पीचरप्लान्ट है. तो लाल रोये उसे घेर लेते हैं। और उसेचूल। नार्थ अमेरीका में चर । लेते हैं। आश्चर्य की बात यह है कि बारिस की प्लान्ट होता है अपने भोजन । बूंद या कंकड़ गिरने पर कोई परिवर्तन नहीं योग्य कीडा उन्दराने पर होता। वापिस निकलने की सहायता EY. M. Knight's बंध कर देता है और अपने The Golden Mature Pada द्रब में उसे पचा लेता है। EVM The Golden State Banker आजकल रूस के डॉ.बेन्केस्टर भी कह रहे हैं कि पौधों के भी भाव होते हैं। पू.मुनिश्रीगुणरत्नविजयजी म.सा.केसदुपदेशसे शामूलचंदजी नेनमलजीशिवगंज द्वारा निर्मित। Jain Education International For Personal & Private Use Only "www.jainelibrary.org

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