Book Title: Chitramay Tattvagyan
Author(s): Gunratnasuri
Publisher: Jingun Aradhak Trust

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Page 106
________________ जैनदर्शनने परमाणु आदिकटरे सूक्ष्मवता?? लावीर वगैर गवान महा. करोनेकहा है। आधुनिक विज्ञान यह कहता है एकघनईचक्षेत्र फलबाले वायुमेंSees00.000000000000000 (जिदिया स्कन्धबताये नयमअनतपरमाणुबताय।। क्रिकणमेअसरख्यजीवहीं CAR (Lah जसजीव के सिवाय असर । माणुबताये हैं। विज्ञाननेपानी के एक बिन्दु में Ekagepop gogegenograpeo जर्मन विद्वान एकविन्दम विज्ञानने।मन्हेडने २७ ग्राम पानी। (सविदियों) परमाणु बताये। ३६४५० चलते फिरते मेंअरब मनुष्य अश्रस जीव /३०० प्रति मिनिट की रफ्तार से४० लारववर्ष तक गिनते रहे उतनेस्कुन्ध(Moleculs) करें। एकआधनिक परमाणु बताये सिस्यपानीकै जीवबताये। स्तविक अनंतपरमाणु पताय? वैसे एकएकका उसएकएक एकस्कन्ध मे अनंतपरमाणुवसाय गुबत्तार्यहै। मेवास्ताव Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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