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आध्यात्मिक विकास क्रम
( चौदह गुणस्थानक)
गुणस्थानक
अप्रमत
सास्वादन
PASSES
३
देशविरति गुगल
मानक 10 अविरत सम्पादित
मित्र
मिथ्या दृष्टि
मार्मानुसारी
उचित मर्यादा का
PORA
होना
JAANA
मार्गपतित
भन के प्रति आदर
मागाभिमुख
या
साक्षसविसमापन होकर
OT
चरमावर्त के ३ गण
SOपमा
उचित व्यवहार
वत
नागुणी के उपर देश नहीं (Hed)
9 भनहार राशि में प्रदेश HTRA पर नकरानावर जिगोदन पुचिकामाथि
अन्यबहार राशि निकोष
नीम के सदपदेश से शिवाज निगशी या चनीलालजी बनाजी
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