Book Title: Chitramay Tattvagyan
Author(s): Gunratnasuri
Publisher: Jingun Aradhak Trust

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Page 29
________________ आत्माशरीरादिसे भिन्नक्यों हैं? १. शरीरवआत्मा क गुण अलग. २. खून के लिए जीव होनाजरुरी. ३. जाव चलागया. ४ ज्ञान की तारतम्यता शरीरसेनहीं ५. घरसे मालिक अलगः ६. कपडे कीतरहआत्माशरीर की सफाई करती है। ७-काररवाने की तरहव्यवस्था. टपाँचइन्द्रियांसपीअलग अलग खिड़कियां दहकायाकलेवर शरीर वगेरह २२ आत्माजीवचेतन वगैरह १३. पूर्व भव कास्मरण. ४. ऑरवे नष्ट होने पर स्मरण, १४-प्रियप्रियवस्तुकोछोडना. 20- हाथ को अपनी इच्छा से मोडना ११. आत्मानहीं है. १५- मेराशरीरअच्छानहीं है। १२. शरीर बीब के पर्यायवाचीअलग है। पूमुनिश्रीगुणरत्नविजयजीमसा.केसदुपदेशसेशागुलाबचंदजीरघुनाथजी,तरवतगढ़ द्वारा निर्मित. । Amer Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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