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अनुक्रमणिका ।
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पृष्टांक
३
बिषय
पृष्ठांक |
विषय अन्य आचार्यों के मत
३१० गंधादि विपर्यय चिन्ह मांसादि मम का व्यध लक्षण
स्वरविकृति का निरूपण अस्थिमर्म विद्ध के लक्षण
छाया का द्विरूपता स्नायुमर्म विद्ध के लक्षण
प्रतिच्छाया का वर्णन धमनीगतमर्म विद्ध के लक्षण
पंचमहाभूतों की छाया सिरामर्म विद्ध के लक्षण
प्रभाके सात भेद संधिमर्म विद्ध के लक्षण
छाया और प्रभा का अन्तर जीवित नाश में काल का नियम
छाया और प्रभाकी व्याप्ति अपस्तंभादि ममों का काल
अभ्यरिष्ट चिन्ह अंगवैकल्य कारक मर्म
ग्रीवादि में शीतल स्वेद घेदना कारक मर्म
अल्पदृष्टयादि मर्मों का यथायथ प्रमाण
स्वभाव में विपरीतिती अन्य मर्मों का प्रमाण
भक्त्यादि के निवर्तन चिन्ह मर्माभिघात में मरण विधि
कचोत्पाटनादि चिन्ह मर्मभिघात में चिकित्सा
सहसाविकार के चिन्ह अमर्मविद्धका जीवन
ज्वरविकार में चिन्ह माहत मे सावधानी
रक्तपित्त में विकृति के चिन्ह पंचमोऽध्याय ।
श्वासकास में चिन्ह मृत्यु का चिन्हरिष्ट
राज्यक्ष्मा के चिन्ह रिष्टा के लक्षण
| धमन से मृत्युका लक्षण कृष्णात्रेय का मत
तृषा से मृत्यु के चिन्ह रिष्ट के लक्षण
मदात्यय चिन्ह केशादि में रिष्टके चिन्ह
अर्श चिन्ह इन्द्रियविकृति में रिष्टचिन्ह
अतिसार के विकार ओष्टादि में रिष्ट चिन्ह
अश्मरी के चिन्ह शिर आदि में रिष्टं चिन्ह
प्रमेह चिन्ह ललाटादि में रिटचिन्ह
पिटिका चिन्ह सिरादि में रिष्टचिन्ह
गुल्म चिन्ह मूर्धादि में रिष्टचिन्ह
उदव्याधि निमित्त रिष्ट वक्षःस्थल में रिष्टचिन्ह ३१६
पांडुरोग के रिष्ट आकस्मिक रिष्टाचन्ह
शोफ के रिष्ट यूकादि के चिन्ह
ज्वरादिकों को मृत्युचिन्ह पिटकादि युक्त के चिन्हें
पादस्थ शोथ के चिन्ह विपरीत चिन्हों का वर्णनं
मुख्यादि में शेष चिन्ह अरुंधतियों का चिन्ह
,कुष्ठ में चिन्ह श्रोतेन्द्रिय में विकृतिक चिन्ह , विसर्प चिन्ह
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