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अष्टांगहृदयकी
पृष्टांक.
२२
विषय.
पृष्टांक. विषय. मूल गुणों का पोषण
गुल्फ संध्यादि में मर्म पक्व अन्नके भेद
गंधादि के मर्मों के नाम रसादि की उत्पत्ति का क्रम २९५ हाथी के मर्म के नाम रसादि की उत्पत्ति का क्रम
स्थूलांत्र वद्ध के नाम रसादि धातुओं का किट्ट ।
बस्त्यारव्य मर्म रसादि धातुओ को द्विविधस्य
हृदय के मर्म आहार की परिणति का काल
स्त्रोतों के मर्म योग्यधातुओं की वृणति
बक्षस्थल के पार्श्व में मर्म वृश्यपदार्थो को सद्यवीर्यात्पादकता २९६ पीठ के बांसे के मर्म अहोरात्रस्वकर्म कर्तव्य ।
पीठ के बांसे के पाव में मर्म जठराग्नि द्वारा आहार की प्रेरणा कटि वा पार्श्व के मर्म दोषों का भी एक देशम प्रकोपम नितंव मर्म जठराग्नि के पालनादि कर्म
पार्श्व संधि मर्म जठराग्नि के पालनादि कर्म
बृहती मर्म जठराग्नि के चार भेद
असफल का मर्म चर्तुविधि अग्नि के लक्षण
अंस मर्म बलके भेद और लक्षण
नील और मन्या मर्म देशको त्रिविधत्व
मातृ का मर्म देह में मज्जादि का प्रमाण
कृकाटि का मर्म सात प्रकार की प्रकृति
विधुर का मर्म यातको प्रधानता वात प्रकृति के लक्षण
२९९
फण मर्म पित्त प्रकृति के लक्षण
अपांग मर्म कफ प्रकृति के लक्षण
३००
शणं मर्म द्धन्द्ध प्रकृति के लक्षण
उत्क्षेप और स्थपनी मर्म सात्वादि प्रकृति का निरूपण
शंगाटक मर्म सात्वादि प्रकृतियों का शान
सीमंत मर्म शरीर का परिमाण और लक्षण ३०२
अधिपमर्म पीठ आदि के लक्षण
मोके सामान्य लक्षण शरीरके शुभलक्षण
३०३
मांसप्रमेह से मर्मके लक्षण बल के प्रमाण का ज्ञान,
मों की अनेकता सत्वादि प्रकृति वाले को दुख सुख का. मांसगत मर्मों की संख्या अनुभव
अस्थिगत आठ मर्म शरीर का प्रधान फलदायी लक्षण ३०४ स्नायुंमों के नाम चतुर्थोऽध्यायः ।
धमनीगत मर्मों के नाम मर्मों की संख्या
सिराश्रित मोके नाम विशिष्ट संशा वाले मर्म
, संधिमों के नाम
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