Book Title: Anuvrat Sadachar Aur Shakahar
Author(s): Lokesh Jain
Publisher: Prachya Vidya evam Jain Sanskriti Samrakshan Samsthan

View full book text
Previous | Next

Page 11
________________ अणुव्रत सदाचार और शाकाहार मनभावन मंगलाचरण (108 आचार्य श्री सुनीलसागरजी गुरुदेव) ॐ णमो जिणाणं, ऊँ णमो जिणाणं, ऊँ णमो जिणाणं महावीर बोलो श्री महावीर बोलो....... महावीर बोलो श्री महावीर बोलो त्रिशलाकुंवर श्री महावीर बोलो.. सिद्धार्थ नंदन श्री महावीर बोलो कुण्डलपुर वासी श्री महावीर बोलो पावापुरी से मुक्त महावीर बोलो महावीरं, जिनवीरं अतिवीरं वर्धमानं.. महावीर बोलो श्री महावीर बोलो........ मेरे मन मंन्दिर में आन.. मेरे मन मंन्दिर में आन, पधारो महावीर भगवान पधारो महावीर भगवान, विराजो, महावीर भगवान ___ मेरे मन मंदिर में आन..... प्रभजी तुम आनंद सरोवर, रूप तुम्हारा महा मनोहर प्रभुजी तुम करुणा के सागर, तुम्हीं हो प्रभु ज्ञान दिवाकर हो जाए सबका कल्याण, पधारो महावीर भगवान मेरे मन मंन्दिर में आन, पधारो महावीर भगवान जय हो जय हो जय हो......

Loading...

Page Navigation
1 ... 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 ... 134