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अणुव्रत सदाचार और शाकाहार
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कर पा रहे हैं। दिगंबर संत वे हैं जिनका न कोई ड्रेस है और और न ही कोई एड्रेस फिर भी समाज कल्याण हेतु अपार अनुकंपा है उनके चारित्र में।
युवा विधायक श्री हितुभाई ने कहा कि दिगंबर मुनि की तपस्चर्या अत्यन्त कठिन है वे अपना सर्वस्व छोड़कर आत्म साधना के पथ पर चल रहे हैं तथा अपनी अमृतमयी वाणी से हम सभी को सद्मार्ग पर ले जा रहे हैं। ऐसे कृपालु आचार्य भगवन् एवं समस्त मुनिसंघ को कोटि कोटि वंदन नमन ।
___गुरुदेव ने सभी महानुभावों को उनकी विनम्रता व भक्तिभाव की प्रशंसा करते हुए आशीर्वाद प्रदान किया और कहा कि ये जानी-मानी शख्शियत होने के बाद भी स्वयं को तुच्छ कहने का साहस करते हैं सच में ऐसे ही लोग सफलता के शिखर को छूते हैं। इस सार्वजनिक मंच से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को उनके जन्म दिवस पर आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि वे शाकाहार व संस्कृति के संरक्षक हैं जो सतत लंबे विदेश प्रवास के दरम्यान भी अपने इस संकल्प पर दृढ़ रहे हैं जो कि एक सराहनीय तथा सभी के लिए प्रेरणास्पद कदम है।
लोभ एवं तृष्णा अंतहीन है, सभी पाप का मूल है इसलिए देह के साज श्रंगार में अपने समय साधनों को लगाने के बजाए आत्मशुद्धि के साधना में लगाए, देह के प्रति आसक्ति घटाएं, संतोष धारण करें एवं आजीविकोपार्जन में लोभ को परे रखकर उचित अनुचित के भेद विज्ञान को जीवन में विकसित करें। जिस तरह शरीर के हितार्थ पहले बल्डग्रुप को चेक करते हैं, उसी प्रकार कमाई का उपयोग करने से पहले उसके स्रोत व कमाने के तरीके को चेक अवश्य करें। अनीति से कितना ही क्यों न कमा लिया जाय किन्तु उसके जरिए सुख शांति हांसिल नहीं की जा सकती। गलत कमाई से परिवार नष्ट हो जाता है तथा अंत में संतोष और धन दोनों ही पलायन कर जाते हैं, पल्ले में पश्चाताप के अलावा कुछ भी नहीं रहता।
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सत्यवादी नहीं किन्तु सत्य जीवन जीने वाले बनो :
उत्तम सत्य धर्म
हमेशा सत्य की ही जीत होती है। 'सत्यमेव जयते' एक शाश्वत सूत्र है। सत्यवादी को भले ही दुनियाँ में मुश्किलों का सामना करना पड़ता हो किन्तु जीत और सम्मान उसके ही हिस्से में आता है। सत्य धर्म की महानता एवं जीवन में इसकी अनिवार्यता पर प्रकाश डालते हुए आज की प्रातःकालीन प्रवचन सभा में चर्याचक्रवर्ती आचार्यश्री सुनीलसागरजी महाराज ने कहा कि सतवादी प्रत्यक्ष में भले हारा हुआ दिखता हो, मुश्किलों से घिरा हुआ दिखता