Book Title: Anuvrat Sadachar Aur Shakahar
Author(s): Lokesh Jain
Publisher: Prachya Vidya evam Jain Sanskriti Samrakshan Samsthan

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Page 108
________________ अणुव्रत सदाचार और शाकाहार जीवन की ही चाय बना लें इसके लिए अपने अह्म को उबालो, चिन्ताओं को भाप बनाकर उड़ा दो, दुख को शक्कर की तरह घुला दो तथा गल्तियों को छानकर ऐसी चाय का स्वाद लो कि अन्तरात्मा की रग रग कह उठे कि वाह! क्या स्वाद है? सुदृढमति माताजी ने बहुत ही सुन्दर बात कही कि संगति का जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। जैसे पानी तो एक लेकिन संगति के कारण अनेक नामों से जाना जाता है। ऊपर से गिरे तो बारिश, जमकर गिरे तो ओला, नीचे आकर जमे तो बर्फ, सर्प के मुँह में गिरे तो विष, सीप में गिरे तो मोती, आचार्यश्री के चरणों से निकले तो पाद प्रक्षालन और जिनेन्द्र प्रभु के शीश से गिरे तो अभिषेक कहलाता है। गुरुदेव कहते हैं कि कहने को तो आँखें सभी की खुली होती हैं किन्तु बात तब है जब दृष्टि बदल जाए और यह सदगुरु के सानिध्य में ही संभव है। गर्भ कल्याणक में गर्भ के संस्कारों की उपयोगिता व महत्ता को समझाते हुए गुरुदेव ने कहा कि यदि हम अपने बच्चों को आज्ञाकारी, सुसंस्कृत देखना चाहते हैं तो मांताएं गर्भ में ही अपने बच्चे को वैसे ही संस्कार दें। तीर्थंकर की माता ने अच्छे संस्कार दिए तभी तो उनका बेटा वैराग्य पथ पर चल पड़ा। मां जो संस्कार डालती है उसे बच्चा ता-उम्र सहेजता है। वे हमेशा बने रहते हैं। 46 सकारात्मक विचारों की शक्ति और सुसंगति जीवन के सर्वोत्कर्ष की गांरटी आत्मकल्याणी गुरुवर आचार्य श्री सुनीलसागरजी महाराज ने कहा कि विचारों की शक्ति, परिणामों की ताकत विशिष्ट होती है उसे पहचानो और उस पर विश्वास करो। प्रभु महावीर स्वामीजी ने कहा है कि हम जैसा सोचते हैं हमारे जीवन में वैसा ही घटित होने लगता है। यदि हम नकारात्मक सोचते हैं तो निश्चित तौर पर हमारे जीवन में परेशानियां ही खड़ी होती हैं और हम कभी खुश नहीं रह सकते। जबकि इसके विपरीत यदि हम विचारों में सकारात्मकता लाते हैं, अच्छा सोचते हैं, बड़ा विचारते हैं तो हम निश्चित रूप से एक दिन जीवन में कुछ अच्छा अवश्य कर जाते हैं जो हमें सफलता के शिखर पर पहुंचा जाता है। यह अपने परिणामों की ही ताकत है। अच्छा सोचें खद पर भरोसा करें, गुरु वचनों में श्रद्धा व विश्वास रखें गुरु के वचन कभी खाली नहीं जाते उनका आशीष सदैव फलता है और इसके अलावा पुरुषार्थ, साहस व होंसले को दृढ़ बनाए तो दुनियाँ की कोई ताकत आपको अपने मुकाम तक पहुँचने से नहीं

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