Book Title: Agarwal Jati Ka Prachin Itihas
Author(s): Satyaketu Vidyalankar
Publisher: Akhil Bharatvarshiya Marwadi Agarwal Jatiya Kosh
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अग्रवाल जाति का प्राचीन इतिहास ८. कौटलीय अर्थशास्त्र में वर्णित वार्ताशस्त्रोपीवि गणों में एक काम्बोज था।' महाभारत' और बौद्ध साहित्य' में भी इसका उल्लेख मिलता है । सम्भवतः, इसकी वर्तमान प्रतिनिधि कम्बोह जाति है, जो पश्चिमी संयुक्त प्रान्त और पंजाब में बसती है। यह जाति मुख्यतया कृषि द्वारा जीवन निर्वाह करती है, और इसमें बहुत से अच्छी हैसियत के जमींदार हैं। कृषि इनकी मुख्य भाजीविका थी, इसीलिये इन्हें वार्ताशस्त्रोपजीवि कहा गया था-अब भी यही इनका मुख्य पेशा है । ग्रीक ऐतिहासिक एरियन ने जो कैम्बिस्थोली' ( Cambistholi ) राज्य लिखा है, वह शायद कम्बोज गण ही है ।
यौधेय गण प्राचीन भारत का एक शक्तिशाली राज्य था । रुद्रदामन शक ने इन्हें वश में किया था । उसने अपने शिलालेख में इनकी वीरता तथा शौर्य का बड़े शानदार शब्दों में उल्लेख किया है। उसने लिखा है-ये यौधेय सम्पूर्ण क्षत्रियों में अपनी वीर पदवी को सार्थक रूप से स्थापित करने के कारण बड़े अभिमानी हो गये थे ।' समुद्रगुप्त की इलाहाबाद वाली प्रशस्ति में भी यौधेयों का जिक्र आया है। इनके प्राचीन गण के अनेक सिक्के भी उपलब्ध होते हैं । इन यौधेयों के वर्तमान प्रतिनिधि सम्भवतः जोहिया राजपूत हैं, जो प्रधानतया
1. कौटलीय अर्थशास्त्र XI, p. 378 2. महाभारत २, २७, १०३१ 3. T. W. Rhys Davids, Buddhist India, p. 28 4. Cunningham. The Ancient Geography of India, p. 216 5. Sanskrit and Prakrit Inscriptions of Kattyawar, p. 19 6. Fleet, Inscriptions of the Early Gupta Kings, p. 251
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