Book Title: Agarwal Jati Ka Prachin Itihas
Author(s): Satyaketu Vidyalankar
Publisher: Akhil Bharatvarshiya Marwadi Agarwal Jatiya Kosh
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अग्रवाल जाति का प्राचीन इतिहास
१८८
मरुत्वती तस्य भार्या ततो वत्सप्रियः सुतः माकीलो मंत्रद्रष्टा तु महाविद्वानभूत् सुतः ॥१३ धनपालेन नाम्ना वै प्रसिद्धस्तत्कुले धभूत् तेजस्वी पुरुषो....सच्चरित्रस्य कारणात् ॥१४ ब्राह्मणैः हि तदा श्रेष्ठैः राज्ये प्रस्थापितः स्वयम् नगरस्य प्रतापस्य ततः स्वामी ह्यभूतदम् ॥१५ तस्याष्टो सुनवो जाताः ह्यमी तेजस्विनः स्मृताः तेषां नामानि चैतानि कथ्यन्ते द्विजसत्तमैः ॥१६ शिवो नलश्च नन्दश्च ह्यनलः कुमुदस्तथा कुंदश्च वल्लभश्चैव शेखरः परिकीर्तितः ॥१७ सन्यासी तु नलश्चाभूत्....विज्ञानहेतुना ।
उस भलन्दन की स्त्री मरुत्वती थी। उनका पुत्र वत्सप्रिय हुवा । उसका लड़का मांकील हुवा, जो महा विद्वान और मन्त्रद्रष्टा था। १३
उसके कुल में धनपाल नाम का प्रसिद्ध पुरुष हुवा, जो बड़ा तेजस्वी था । उसका चरित्र बड़ा ऊंचा था । श्रेष्ठ ब्राह्मणों ने उसे स्वयं राजगद्दी पर स्थापित किया और वह प्रतापनगर का राजा बना । १४-१५
उसके आठ लड़के हुवे, जो सब बड़े तेजस्वी कहे गये हैं। उनके नाम श्रेष्ठ ब्राह्मण इस प्रकार सुनाते हैं-शिव, नल, नन्द, अनल, कुमुद, कुन्द, वल्लभ और शेखर । १६-१७
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