Book Title: Agarwal Jati Ka Prachin Itihas
Author(s): Satyaketu Vidyalankar
Publisher: Akhil Bharatvarshiya Marwadi Agarwal Jatiya Kosh
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मध्यकाल में अग्रवाल जाति
शाह आलम के समय की अव्यवस्था को दृष्टि में रखते हुवे उन्होंने बृटिश सरकार की मदद की, और इससे उनकी उन्नति में बड़ी सहायता मिली। दिल्ली का प्रसिद्ध जैन मन्दिर लाला हरसुखराय का ही बनवाया हुवा है । इसे बनाने में आठ लाख रुपये खर्च हुवे थे । लाला हरसुखराय का लड़का लाला सुगनचन्द था । उन्हें लार्ड लेक द्वारा तीन गांव जागीर में मिले थे । सन् १८५७ के गदर के समय में इस परिवार के मुखिया लाला गिरधारीलाल जी थे । उन्होंने गदर में बृटिश सरकार का पक्ष लिया था। इस परिवार के उत्कर्ष में इससे बड़ी सहायता मिली।
नोट-इनके अतिरिक्त दिल्ली में अन्य भी अनेक अग्रवाल परिवार हैं, जिनके पुराने इतिहास के सम्बन्ध में कुछ महत्त्वपूर्ण बातें ज्ञात होती हैं । इन परिवारों का उत्कर्ष मुगल काल में ही प्रारम्भ हुवा था, और अपने अध्यवसाय व प्रयत्न से इन्होंने अच्छी उन्नति की थी। कई परिवार जिन्होंने पिछले युग में अंग्रेजों का पक्ष न लेकर मुगलों व मराठों का पक्ष लिया, वे इस समय प्रायः नष्ट हो चुके हैं, उनका वैभव बिल्कुल क्षीण हो गया है । इसके विपरीत, जिन परिवारों ने अंग्रेजों का पक्ष लिया , स्वाभाविकरूप से उनका वैभव अब तक कायम है। दिल्ली के अतिरिक्त अन्य स्थानों पर भी जो अनेक अग्रवाल परिवार इस समय अच्छी समृद्ध दशा में हैं, उन्होंने पिछले इतिहास में अंग्रेजों का साथ दिया था। केवल अग्रवालों के विषय में ही नहीं, अन्य राजपूत, खत्री, जाट, ब्राह्मण आदि जातियों के समृद्ध कुलों के सम्बन्ध में भी यही बात कही जा सकती है।
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