Book Title: Agarwal Jati Ka Prachin Itihas
Author(s): Satyaketu Vidyalankar
Publisher: Akhil Bharatvarshiya Marwadi Agarwal Jatiya Kosh
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अग्रवाल जाति का प्राचीन इतिहास
( ३ ) अग्रहारी जाति
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मध्य प्रान्त और बनारस में अग्रहारी नाम की एक वैश्य जाति पाई जाती है, जो आजकल अग्रवालों से पृथक् है । पर इस अग्रहारी जाति के लोग भी अपना निवास अगरोहा और आगरा से बताते हैं । इनके और अग्रवालों के गोत्रों में भी समता है । इसलिये श्रीयुत नेस्फीrs' और श्रीयुत रसेल ने कल्पना की है, कि इन अग्रहारी वैश्यों का अग्रवालों से घनिष्ट सम्बन्ध है । किसी समय ये दोनों एक थे, पर बाद में किसी बात पर मतभेद होने से अग्रहारियों की पृथक् बिरादरी बन गई । इनका खानपान आदि सब शुद्ध है, और व्यवहार भी प्रायः अग्रवाल वैश्यों के सदृश ही है ।
वर्ण विवेक चन्द्रिका में एक श्लोक आता है, जिसके अनुसार इन अग्रहारियों में वर्ण संकरता सूचित होती है। वहां लिखा है, कि अग्रवाल पिता और ब्राह्मण माता से जो सन्तान हुई, उससे अग्रहारी, कसवानी
3. H. M. Elliot, Races of the North-Western Provinces of India.
4. H. A. Rose, A Glossary of the Tribes and Castes of the Panjab and North-Western Frontier Province, Vol. I.
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