Book Title: Agarwal Jati Ka Prachin Itihas
Author(s): Satyaketu Vidyalankar
Publisher: Akhil Bharatvarshiya Marwadi Agarwal Jatiya Kosh
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir देश-विदेश (बिलकुल नये ढंग का सचित्र मासिक पत्र) सम्पादक-प्रोफेसर सत्यकेतु विद्यालंकार डी० लिट० यह पत्र एक जनवरी सन् 1939 से भारत की राजधानी नई दिल्ली से प्रकाशित हो रहा है / इसमें निम्नलिखित विषय रहेंगे। (1) भारत तथा अन्य देशों की राजनीतिक, आर्थिक सामाजिक व अन्य समस्याओं पर निष्पक्षपात तथा वैज्ञानिक दृष्टि से विचार / (2) महीने भर की सब महत्त्वपूर्ण घटनाओं पर लेख / (3) अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति का सरल रीति से विवेचन / (4) भारत के विविध प्रांतों तथा रियासतों की प्रगति का दिग्दर्शन / (5) इतिहास तथा राजनीति सम्बन्धी नवीन साहित्य की समालोचना। इस ढंग का कोई भी मसिक पत्र अबतक हिन्दी में नहीं है। देश-विदेश की आधुनिक समस्याओं को समझने के लिये इस पत्र को अवश्य पढ़िये।। वार्षिक मूल्य 5 // ) एक अंक का मूल्य / / इतिहास सदन की नई पुस्तकें (शीघ्र प्रकाशित हो रही हैं) (1) यूरोप का आधुनिक इतिहास-लेखक सत्यकेतु विद्यालंकार डी. लिट. पहला भाग-फ्रांस की राज्यक्रान्ति दूसरा भाग-उन्नीसवीं सदी तीसरा भाग–वर्तमान यूरोप प्रत्येक भाग में 250 परत Serving JinShasan O तीनों भाग एक साथ ले (2) पैरिस की सैर शास्त्री। मी भारत लौटी हैं। एक महिला की दृl gyanmandir@kobatirth.org नये / मूल्य केवल 1) मिलने का पता-इतिहास सदन चमनलाल बिल्डिग, कनाट सर्कस, नई दिल्ली। श्रीमती सुशीला द044560 For Private and Personal Use Only