Book Title: Agarwal Jati Ka Prachin Itihas
Author(s): Satyaketu Vidyalankar
Publisher: Akhil Bharatvarshiya Marwadi Agarwal Jatiya Kosh
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बारहवां अध्याय अगरोहा का पतन और अन्त साम्राज्यवाद के युग से पूर्व जब भारत में बहुत से छोटे-छोटे गणराज्य थे, तब आग्रेय गण भी उनमें से एक था। उस पर पहला साम्राज्यवादी आक्रमण मेसीडोन के राजा सिकन्दर द्वारा हुवा । मगध व मध्यदेश के शक्तिशाली सम्राट पश्चिम में इतनी दूर तक विजय नहीं कर सके । महापद्मनन्द जैसा 'सर्वक्षत्रान्तकृत्' राजा भी इतनी दूर तक अपने साम्राज्य का विस्तार नहीं कर सकता था। उसके साम्राज्य की पश्चिमी सीमा गङ्गा तक ही थी। आग्रेय तथा पंजाब के अन्य गण-राज्यों को पहले-पहल सिकन्दर के ही आक्रमणों का सामना करना पड़ा था। हम प्रदर्शित कर चुके हैं, कि अन्य गणों के साथ आग्रेय या अगलस्सि भी सिकन्दर द्वारा परास्त हुवा और मेसिडोनियन साम्राज्य के आधीन हो
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