Book Title: Agarwal Jati Ka Prachin Itihas
Author(s): Satyaketu Vidyalankar
Publisher: Akhil Bharatvarshiya Marwadi Agarwal Jatiya Kosh
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अग्रवाल आति की उत्पत्ति सतलुज के तट पर बसते हैं । संयुक्तप्रान्त में भी कुछ जोहिया रहते हैं । प्राचीन यौधेयों के समान आजकल के जोहिया राजपूत भी अच्छे वीर है।
१०. उत्तरीय बिहार व पूर्वी संयुक्तप्रान्त में एक प्रसिद्ध जाति निवास करती है, जिसे कोरी व कोएरी कहते हैं | सम्भवतः, ये लोग प्राचीन कोलिय गण के प्रतिनिधि हैं, जिसका उल्लेख बौद्ध साहित्य में आता है । कोलिय गण का निवास उत्तरीय बिहार में था, और उनके वर्तमान प्रतिनिधि अपने पुराने निवास स्थान से अभी बहुत दूर नहीं हटे हैं।
ये इतने उदाहरण पर्याप्त हैं । इनकी संख्या को बहुत बढ़ाने की आवश्यकता नहीं । हमने पुराने भारतीय गणों और आजकल की जात बिरादरियों में समता दिखाने का जो यह प्रयत्न किया है, वह केवल
उदाहरण के तौर पर ही है । अब भी बहुत से इसी तरह के उदाहरण दिये जा सकते हैं । यह कार्य बड़े महत्त्व का है । भारत के सैकड़ों प्राचीन गणराज्यों के आजकल के प्रतिनिधियों को ढूंढने के लिये बड़ा समय चाहिये और उन्हें प्रदर्शित करने के लिये एक पृथक् पुस्तक की आवश्यकता होगी। उसके लिये हम यहां प्रयत्न न करेंगे।
भारत की बहुत सी वर्तमान जातियों में यह किंवदन्ती चली आती हैं, कि उनका उद्भव किसी प्राचीन राजा से हुवा है, वे किसी राजा की सन्तान हैं, किसी समय उनका भी पृथिवी पर राज्य था। केवल अग्रवालों
1. Rhys Davids, Buddhist India, p. 29
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