Book Title: Agarwal Jati Ka Prachin Itihas
Author(s): Satyaketu Vidyalankar
Publisher: Akhil Bharatvarshiya Marwadi Agarwal Jatiya Kosh
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छटा अध्याय
राजा अग्रसेन का वंश हमारे संस्कृत ग्रन्थ 'उरुचरितम्' और 'अग्रवैश्य वंशानुकीर्तनम्' में केवल राजा अग्रसेन की कथा ही नहीं दी गई, अपितु उनके पूर्वजों तथा वंश का भी वर्णन दिया है । यह वर्णन बहुत उपयोगी है। कुक महोदय ने अग्रसेन सम्बन्धी कथाओं का जो संग्रह किया है, उसके अनुसार उनका सब से पहला पूर्वज धनपाल था, जो प्रतापनगर का राजा था। पर 'उरुचरितम्' में धनपाल के पूर्वजों का भी वर्णन मिलता है । इस महत्वपूर्ण पुस्तक में धनपाल का सम्बन्ध पुराणों के प्रसिद्ध वैशालक वंश के साथ जोड़ा गया है। वैशालक वंश का प्रादुर्भाव मनु के अन्यतम पुत्र नेदिष्ट या नाभा-नेदिष्ट की सन्तति से हुवा था।
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