Book Title: Agarwal Jati Ka Prachin Itihas
Author(s): Satyaketu Vidyalankar
Publisher: Akhil Bharatvarshiya Marwadi Agarwal Jatiya Kosh
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अग्रवालों के गोत्र
अतः उसने कोई नया राज्य तो कायम नहीं किया, पर सामाजिक क्षेत्र में एक पृथक् बिरादरी कायम की । उसकी स्थिति सामाजिक क्षेत्र में वंशकृत् की ही है
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अग्रवालों का चार व आठ
प्रश्न पर विचार करते हुवे यह
मूल गोत्रों के साथ क्या सम्बन्ध है, इस ध्यान में रखना चाहिये, कि अग्रवाल कश्यप की सन्तान में से हैं। कश्यप की गिनती महाभारत के चार मूल गोत्र और बौधायन के आठ मूल गोत्र – दोनों में हैं। कश्यप के चार लड़के थे. -अवत्सार, असित, विवस्वान् और मित्रावरुण । विवस्वान् का लड़का मनु था। मनु के विविध पुत्रों में अन्यतम नेदिष्ट था । नेदिष्ट से नाभाग और नाभाग से वैश्य भलन्दन उत्पन्न हुवा | उसी के वंश में प्रसिद्ध वैशालक वंश तथा अन्य अनेक वैश्य वंशों का प्रादुर्भाव हुवा ।
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