________________
१००
नंदी
मनोविज्ञान में स्मृति की प्रक्रिया को तीन भागों में बांटा गया है - १. कूट संकेतन (Encoding) २. संकलन/भण्डारण (Storage) ३. पुनरुत्पादन (Retrieval) कूट संकेतन की तुलना स्थापना और भण्डारण की तुलना कोष्ठ से की जा सकती है । मनोविज्ञान के अनुसार प्रत्यक्षीकरण की क्रिया तीन चरणों में सम्पन्न होती है-- १. ग्राहक प्रक्रियाएं (Receptor) २. प्रतीपरूपवाली प्रक्रियाएं(Symbolic process) ३. एकात्मक प्रक्रिया (Unification process) तत्त्वार्थभाष्य और षटखण्डागम में अवग्रह, ईहा आदि के पर्यायवाची नामों में संज्ञा भेद और क्रम भेद हैं, देखें यंत्रनंदी तत्वार्थ भाष्य
षट्खण्डागम
अवग्रह अवग्रहण अवग्रह
अवग्रह उपधारण ग्रह
अवदान या अवधान श्रवण ग्रहण
सान अवलम्बन आलोचन
अवलम्बना मेधा अवधारण
मेधा
ईहा ऊहा अपोहा मार्गणा गवेषणा मीमांसा
विमर्श
अवाय व्यवसाय बुद्धि विज्ञप्ति आमंडा प्रत्यामुंडा
आभोग
ईहा मार्गणा
ऊहा गवेषणा
तर्क चिता
परीक्षा विचारणा जिज्ञासा
अवाय आवर्तन
अपाय प्रत्यावर्तन
अपगम अपाय
अपनोद
अपव्याध विज्ञान
अपेत अपगत
धारणा धरणा
प्रतिपत्ति धारणा
अवधारणा स्थापना
अवस्थान प्रतिष्ठा
निश्चय कोष्ठ
अवगम
अवबोध आभिनिबोधिक ज्ञान के २८ प्रकारों का यंत्रस्पर्शनेन्द्रिय रसनेन्द्रिय , घ्राणेन्द्रिय चक्षुरिन्द्रिय व्यञ्जनावग्रह व्यञ्जनावग्रह व्यञ्जनावग्रह अर्थावग्रह अर्थावग्रह अर्थावग्रह
अर्थावग्रह ईहा
ईहा
ईहा अवाय अवाय अवाय
अवाय धारणा
धारणा धारणा
धारणा
धरणी धारणा स्थापना कोष्ठा प्रतिष्ठा
मन-नोइन्द्रिय
श्रोत्रेन्द्रिय व्यञ्जनावग्रह अर्थावग्रह
ईहा
अर्थावग्रह ईहा अवाय
अवाय धारणा
धारणा
Jain Education Intemational
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org