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१७६
अंग
१. आचार
२. सूत्रकृत
नाम
३. स्थान
४. समवाय
५. व्याख्याप्रज्ञप्ति
६. ज्ञातधर्मकथा
७.
उपासकदशा
१०. प्रश्नव्याकरण
उपासकों की आचार संहिता
८. अन्तकृतदशा
मोक्षगामी जीवों का वर्णन
९. अनुसरोपपातिकमा अनुत्तरविमान में
उत्पन्न होने वाले व्यक्तियों का वर्णन
एक सौ आठ प्रश्न,
११. विपाकश्रुत
विषयवस्तु
आचार
जीव अजीव,
लोक- अलोक,
स्वसमय पर समय
की सूचना जीव-अजीव,
लोक - अलोक, स्वसमय-परसमय
की स्थापना स्त्रसमय-परसमय, जीव-अजीव, लोक- अलोक
की सूचना
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स्वसमय परसमय,
जीब अजीव लोक-अलीक
की व्याख्या
दृष्टान्तभूत
व्यक्तियों के
नगर आदि का
वर्णन
वाचना
परिमित
अप्रश्न, प्रश्न- अप्रश्न, विद्या आदि का वर्णन सुकृत दुष्कृत कर्मों का फलविपाक
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अनुयोगद्वार प्रतिपत्ति वेढा संख्येय संख्येय
संख्येय
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नंदी
समवायाङ्ग के आधार पर
श्लोक नियुक्ति संग्रहणी श्रुतस्कन्ध
संख्येय संख्येय X
२
X
२
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संख्येय
१
१
२
१
१
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